सोशल संवाद/ डेस्क: अगर आप अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं तो ये नजारा आपको खूब पता होगा- बड़े-बड़े सूटकेस लेकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे लोग, ट्रेन की सीट के नीचे ठूंस ठूंसकर भरे बैग और हर एक कोने में बैग, सूटकेस और यात्रियों के सामान। अब तक रेलवे ने इस मामले में बड़ी दरियादिली दिखाई है, उसने कभी एयरलाइंस की तरह हर किलो का हिसाब-किताब नहीं किया। लेकिन जनाब, अब खेल बदलने वाला है! रेलवे अब एयर पोर्ट और फ्लाइट की तरह ही ट्रेन में भी सामान ले जाने की लिमिट तय करने की तैयारी कर रहा है।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के पहले फेज में प्रयागराज, मिर्जापुर, कानपुर और अलीगढ़ जंक्शन जैसे स्टेशन शामिल होंगे। अगर यह व्यवस्था ठीक से काम करती है, तो इसे धीरे-धीरे और शहरों में भी लागू किया जाएगा।
अलग-अलग क्लास में कितनी लगेज लिमिट होगी।
फर्स्ट AC: यात्री 70 किलो तक सामान ले जा सकते हैं, साथ ही 15 किलो की छूट भी।
सेकंड AC: इसमें सामान ले जाने की सीमा 50 किलोग्राम है, जिसमें 10 किलोग्राम की अतिरिक्त छूट है। इससे ज्यादा सामान के लिए, आप पार्सल वैन में 30 किलोग्राम तक का सामान बुक कर सकते हैं।
थर्ड AC/AC चेयर कार: यात्रियों को इसमें 40 किलो वजन ले जाने की अनुमति है, साथ ही 10 किलो की छूट भी। इसके अलावा आप पार्सल वैन में 30 किलो और बुक कर सकते हैं।
स्लीपर क्लास: फ्री लगेज की सीमा 40 किलो है, साथ ही 10 किलो की छूट भी है। बुकिंग के साथ, आप पार्सल वैन में 70 किलो तक सामान ले जा सकते हैं।
सेकंड क्लास/जनरल क्लास: 35 किलोग्राम सामान ले जाने की अनुमति है, 10 किलोग्राम की छूट के साथ। जरूरत पड़ने पर, आप पार्सल वैन में 60 किलोग्राम अतिरिक्त सामान बुक कर सकते हैं।
कितना होगा बैग साइज?
ट्रेन में बैग या आपके सामान का साइज भी एक तय सीमा तक है। ट्रंक, सूटकेस और बक्सों का आकार 100 Cm x 60 cm x 25 cm से ज्यादा नहीं होना चाहिए। AC 3-टियर और AC चेयर कार के यात्रियों के लिए, यह सीमा कम है, जो 55 Cm x 45 Cm x 22.5 Cm। इससे बड़ा सामान ब्रेक वैन से भेजा जाना चाहिए, जिसका मिनिमम चार्ज 30 रुपए है।
5 से 12 साल के बच्चों को भी लगेज की छूट मिलती है, लेकिन आधी। यानी वो बड़ों की तरह फुल नहीं उठा सकते। और हां, लिमिट 50 किलो से ऊपर बिल्कुल नहीं।अगर बड़े आकार के या रुकावट पैदा करने वाले बैग बोर्डिंग एरिया को ब्लॉक करते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
रेलवे ने एक बयान में साफ किया, “लगेज से जुड़े नियम पहले से ही मौजूद हैं। अधिकारियों को इनका उचित पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, और मानक निर्देश (Standard Instruction) भी मौजूद हैं।”








