सोशल संवाद/डेस्क (रिपोर्ट : तमिश्री )-अगर आपका वीजा नहीं बन पा रहा है तो निराश न होएं। जल्द ही आपका वीजा बन जायगा, लेकिन इसके लिए आपको हैदराबाद जाना पड़ेगा । किसी सरकारी दफ्तर नहीं, बल्कि मंदिर। वीजा वाले बालाजी मंदिर में। जी हा लोग अक्सर मंदिर में जाकर अपने और अपने परिवार की स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। लेकिन हमारे भारत में एक ऐसा मंदिर है , जहां लोग अपने लिए विदेश जाने के लिए वीजा दिलाने की प्रार्थना करने के लिए आते हैं। हैदराबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर ओसमान सागर लेक के तट पर है चिल्कुर बालाजी मंदिर ।इन्हें ही वीजा वाले बालाजी कहते हैं। यह मंदिर विशेष रूप से अमेरिकी वीजा को मंजूरी देने में मदद करने के लिए फेमस है। इस 500 साल पुराने मंदिर की स्थापत्य कला देखने लायक है।
इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है। कहते हैं कि वेंकटेश बालाजी के एक भक्त रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलकर उनके दर्शन के लिए तिरुपति बालाजी के मंदिर आते थे। लेकिन एक दिन उनकी तबीयत खराब हो गई, जिससे वो मंदिर नहीं जा पाए। ऐसे में बालाजी खुद अपने भक्त के सपने में आए और बोले कि तुम्हें मेरे दर्शन के लिए इतनी दूर जाने की जरूरत नहीं है, मैं यही तुम्हारे पास वाले जंगल में रहता हूं।
अगले दिन जब बालाजी के भक्त भगवान की बताई जगह पर गए तो उन्हें वहां उभरी हुई भूमि दिखाई दी। इसके बाद वहां बालाजी की मूर्ति की स्थापना कर दी गयी
माना जाता है कि 1980 के दशक के आस-पास जब भारत में आईटी कल्चर विकसित हो रहा था, तब कुछ छात्रों ने इस मंदिर में अपने यूएस वीजा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की, जिसे चेन्नई यूएस वीजा वाणिज्य दूतावास ने अस्वीकार कर दिया था और उनकी प्रार्थना ने काम किया। तब से, यह मंदिर लोगों की वीजा इच्छाओं को देने में फेमस हो गया। हालांकि, सिर्फ मंदिर में जाना और प्रार्थना करना पर्याप्त नहीं होता है। आपको अपनी इच्छाओं को प्रभु तक पहुंचाने के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना होगा। आपको अपने पासपोर्ट के साथ मंदिर में जाना होगा और मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्रो का जाप करते हुए गर्भगृह के चारों ओर 11 परिक्रमाएं करनी होगीं। और, आपकी इच्छा पूरी होने के बाद आपको मंदिर में फिर से जाना होगा और 108 परिक्रमा करके भगवान का आभार व्यक्त करना होगा।
लोगों का मानना है कि वीजा के लिए दूतावास के चक्कर लगाने से अच्छा है कि चिल्कुर बालाजी मंदिर के चक्कर और हवाई जहाज का चढ़ावा चढ़ाया जाए। इससे वीजा मिलना आसान हो जाता है। ये मंदिर सप्ताह में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार के दिन खुलता है। इसी वजह से इन तीन दिन में यहां 75 हजार से 1 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। वही, महीनेभर में इनकी संख्या करीब 5 लाख होती है।
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