सोशल संवाद / डेस्क : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने जमशेदपुर में विभिन्न क्षेत्रों में आवासीय फलैट्स की खरीद-बिक्री पर सरकार द्वारा निर्धारित सर्किल रेट्स का वास्तविक बाजार मूल्य से अधिक होने पर राज्य के भू राजस्व एवं निबंधन विभाग के सचिव चन्द्रशेखर, भा.प्र.से. का पत्र के माध्यम से ध्यानाकृष्ट कराया है तथा इसकी प्रतिलिपि राज्य के मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, भा.प्र.से. एवं उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम अनन्य मित्तल, भा.प्र.से. को भी भेजी गई है। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी।
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अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि जमशेदपुर के अधिकांश क्षेत्रों में सरकार के द्वारा आवासीय फ्लैटस की रजिस्ट्री हेतु निर्धारित मूल्य, वास्तविक बाजार मूल्य से अधिक है। इसके अलावा यह भी देखा गया है नये आवासीय फ्लैट्स की रजिस्ट्री हेतु जितनी मूल्य निर्धारित है, वही दर पुराने आवासीय फ्लैट्स की खरीद/बिक्री पर भी लग रही है। जो कहीं से भी से न्यायोचित एवं तर्कसंगत नहीं है। एक ही स्थान पर नये एवं पुराने फ्लैट्स की रजिस्ट्री का मूल्य वस्तुस्थिति की हिसाब से एक समान नहीं होना चाहिए। इससे आम लोगों मंे असमंजस की स्थिति भी पैदा होती है। ये मूल्य निम्नलिखित तरह से अलग-अलग हैं-
जैसे – (मूल्य प्रति वर्गफीट पर) (मूल्य प्रति वर्गफीट पर)
क्षेत्र सरकार द्वारा अधिसूचित दर वास्तविक बाजार मूल्य (नये फ्लैट्स) वास्तविक बाजार मूल्य (पुराने फ्लैट्स)
मानगो 4951/4126 3500-4000 2500-3000
साकची 9711/8092 5500-6000 4000-4500
बिष्टुपुर 9711/8092 6500-7000 5000-5500
कदमा 6612/5510 4000-4500 3000-3500
सोनारी 6612/5510 4000-4500 3000-3500
जुगसलाई 5175/4312 4000-4500 3000-3500
उपाध्यक्ष अनिल मोदी एवं अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने कहा कि जमशेदपुर के लोगों का मानना है कि सरकार वर्षांे से मंत्रालय में ही बिना किसी से चर्चा किये, राय मशविरा और सुझाव लिये प्रतिवर्ष एक निश्चित दर की बढ़ोतरी आवासीय फलैट्स की खरीद/बिक्री पर कर देती है। बढ़ोतरी के दौरान यह भी तय नहीं किया गया जाता है कि पुराने फ्लैट की दर क्या होगी और नये फ्लैट की दर क्या होगी। इसलिये दोनों ही मामलों में बराबर रजिस्ट्री की राशि का भुगतान करना पड़ता है।
उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी एवं पुनीत कांवटिया ने कहा कि चैम्बर का यह सुझाव है कि इसका मूल्य तय करने से पहले सभी क्षेत्रों/जिलों/शहर के प्रशासनिक अधिकारियों, जानकारों, विशेषज्ञों, संबंधित अधिवक्तागण, स्टेक होल्डरों से चर्चा के उपरंात इसकी रजिस्ट्री की मूल्य सरकार के द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए।
चैम्बर के अन्य पदाधिकारीगण उपाध्यक्ष सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, सुरेश शर्मा लिपुर और कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी इसपर भू-राजस्व एवं निबंधन विभाग तथा सरकार को इससे संबंधित लोगों से चर्चा कर एवं सुझाव लेकर मूल्य निर्धारित किये जाने का आग्रह किया है।
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