सोशल संवाद /डेस्क : तमिलनाडु के करूर में हाल ही में हुई भगदड़ ने एक बार फिर देश में भीड़ प्रबंधन की समस्याओं को उजागर कर दिया। इस दर्दनाक घटना पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गहरी चिंता जताई और कहा कि देश में भीड़ को नियंत्रित करने की प्रणाली कमजोर है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि बड़ी भीड़ के आयोजन में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त राष्ट्रीय नीति और प्रोटोकॉल बनाए जाएं।

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देश में भीड़ प्रबंधन की कमज़ोरी
शशि थरूर ने कहा, “करूर की भगदड़ बहुत दुखद और दर्दनाक है। हमारे देश में भीड़ प्रबंधन में कई कमज़ोरियां हैं। हर साल कोई न कोई ऐसी घटना होती ही रहती है। हमें बंगलूरू में हुई घटना याद है। जब हम इन भगदड़ों में बच्चों के मारे जाने की खबर सुनते हैं तो बहुत दुख होता है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठित नीति क्यों नहीं बनाई जाती। थरूर ने कहा, “लोग किसी राजनेता, फिल्म स्टार या क्रिकेटरों को सुनने के लिए जाते हैं, लेकिन मूल बात यह होनी चाहिए कि कुछ नियम, मानक और प्रोटोकॉल जरूर होने चाहिए।”
केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह
कांग्रेस नेता ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि किसी भी परिस्थिति में बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम और प्रक्रिया अपनाई जाए। उनका कहना था कि इससे खौफनाक भगदड़ों में लोगों के खोने का दुख और बेवजह पीड़ा कम होगी। थरूर ने यह भी जोड़ा कि देश में होने वाली भीड़ वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाना जरूरी है।
बदलाव और सतर्कता की जरूरत
थरूर ने दुनिया में हो रहे परिवर्तनों की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “दुनिया परिवर्तनशील है और कई बदलाव हो रहे हैं। हमें सतर्क रहना होगा और जितने विकल्प संभव हों, उतने रखने चाहिए। इन परिस्थितियों में चुस्त-दुरुस्त रहना बहुत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने बहु-ध्रुवीय अवधारणा में विश्वास व्यक्त किया और कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश किसी एक देश के प्रभाव में कमजोर न हो, चाहे वह अमेरिका हो या चीन। थरूर ने जोर देकर कहा कि हमें अपनी ताकत, साहस और क्षमता बनाए रखनी होगी, ताकि हम किसी भी परिस्थिति में मजबूती से खड़े रह सकें।
थरूर का संदेश: सुरक्षा और तैयारी
शशि थरूर ने यह स्पष्ट किया कि भीड़ प्रबंधन केवल स्थानीय या राज्य स्तर की जिम्मेदारी नहीं है। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है, और इसके लिए एक सख्त, सुव्यवस्थित नीति और प्रोटोकॉल होना जरूरी है। उनका यह भी मानना है कि भविष्य में किसी भी बड़े आयोजन या त्योहार में सुरक्षा के लिए सभी स्तरों पर तत्परता और सतर्कता आवश्यक है।
इस दौरान उन्होंने देशवासियों से भी अपील की कि वे जागरूक रहें और ऐसी भीड़ वाली परिस्थितियों में अपने और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
करूर भगदड़ ने एक बार फिर दिखाया कि भीड़ प्रबंधन में सुधार की कितनी जरूरत है। शशि थरूर की प्रतिक्रिया इस बात की याद दिलाती है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानक और नियम बनाना आवश्यक है। साथ ही यह भी स्पष्ट होता है कि केवल नियम बनाना ही पर्याप्त नहीं, उनका सही क्रियान्वयन और सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।
देश में हर साल भीड़ से जुड़ी घटनाओं की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर एक मजबूत और प्रभावी नीति तैयार करें, ताकि भविष्य में ऐसे दुखद हादसे रोके जा सकें और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
FAQ
Q1. करूर भगदड़ पर शशि थरूर का क्या कहना है?
A. शशि थरूर ने कहा कि यह बहुत दुखद और दर्दनाक घटना है। देश में भीड़ प्रबंधन कमजोर है और हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं।
Q2. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से क्या आग्रह किया?
A. उन्होंने आग्रह किया कि बड़ी भीड़ के आयोजन में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त राष्ट्रीय नीति और प्रोटोकॉल बनाए जाएं।
Q3. थरूर ने भीड़ प्रबंधन में सुधार की जरूरत क्यों बताई?
A. क्योंकि देश में हर साल बड़ी भीड़ के कारण दुखद घटनाएं होती हैं और लोगों की सुरक्षा खतरे में रहती है।
Q4. शशि थरूर ने भविष्य के लिए क्या सलाह दी?
A. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए सतर्क रहना जरूरी है और जितने विकल्प संभव हों, उन्हें रखना चाहिए।
Q5. उन्होंने बहु-ध्रुवीय अवधारणा का उल्लेख क्यों किया?
A. ताकि भारत किसी एक देश के प्रभाव में कमजोर न हो और अपनी ताकत, साहस और क्षमता बनाए रख सके।
Q6. भीड़ प्रबंधन की मुख्य चुनौती क्या है?
A. बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट नियम, मानक और प्रोटोकॉल का अभाव।








