सोशल संवाद/डेस्क: India में ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर तेजी से बदल रहा है। चाहे सड़क मार्ग हो, रेल नेटवर्क या एयर सर्विस हर स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक और मजबूत बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी विकास यात्रा में आज हम बात कर रहे हैं देश के सबसे बड़े एयर ट्रैवल हब की।
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दरअसल, दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जहाँ से यात्री भारत और दुनिया के कुल 150 डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं। यह जानकारी newdelhiairport.in की रिपोर्ट में सामने आई है।
इस माइलस्टोन की शुरुआत तब हुई जब दिल्ली और बैंकॉक-डॉन मुआंग (DMK) के बीच थाई एयरएशिया एक्स की सीधी फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हुआ। यह कनेक्शन एयरबस A330 विमान से सर्विस देता है और बिजनेस व टूरिज़्म दोनों कैटेगरी के यात्रियों के लिए यात्रा को और आसान बना रहा है।
इस उपलब्धि के साथ IGI एयरपोर्ट अब उन चुनिंदा ग्लोबल एविएशन हब्स में शामिल हो गया है, जो यात्रियों को एक साथ इतने विकल्प उपलब्ध कराते हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क विस्तार
IGI एयरपोर्ट लगातार कई क्षेत्रों में सुधार और विस्तार कर रहा है, जिससे यह आने वाले समय में एक सुपर कनेक्टेड एविएशन हब बन सके। प्रमुख फोकस पॉइंट्स हैं:
- अंतरराष्ट्रीय रूट्स का विस्तार
- ट्रांजिट यात्रियों की संख्या दोगुनी करने की तैयारी
- लंबी दूरी की उड़ानों में प्रेफर्ड विकल्प बनना
- घरेलू से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सहज कनेक्टिविटी
- अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस इंफ्रास्ट्रक्चर
कौन-कौन से डेस्टिनेशन मिले नेटवर्क में?
पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली एयरपोर्ट ने अपनी इंटरनेशनल रीच को काफी बढ़ाया है। अब यहां से यात्री नीचे दिए डेस्टिनेशन समेत कई खास शहरों के लिए उड़ान भर सकते हैं:
- नोम पेन्ह
- बाली-डेन्पासार
- कैल्गरी
- मॉन्ट्रियल
- वैंकूवर
- वाशिंगटन डलेस
- शिकागो ओ’हारे
- टोक्यो हानेडा
इन रूट्स की बढ़ती डिमांड साबित करती है कि दिल्ली एयरपोर्ट न सिर्फ यात्रियों को विकल्प दे रहा है, बल्कि उन्हें दुनिया से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।
IGI एयरपोर्ट का यह विस्तार न केवल देश की एविएशन इंडस्ट्री को नई ऊंचाई देता है, बल्कि भारत को वैश्विक एयर नेटवर्क का एक मजबूत हिस्सा बना रहा है। आने वाले समय में यह एयरपोर्ट एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हब्स में शामिल हो सकता है।








