सोशल संवाद/डेस्क : टैरिफ विवाद के बीच भारत ने अमेरिका से हथियार और विमान नहीं खरीदने का फैसला लिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दो अफसरों के हवाले से बताया कि भारत ने नए अमेरिकी हथियार और विमान खरीदने की अपनी योजना को रोक दिया है। इनमें रक्षा सौदा करीब 31,500 करोड़ रुपए का है।

अफसरों के मुताबिक, अमेरिकी हथियारों की खरीद के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वॉशिंगटन जाने वाले थे। लेकिन उनकी यात्रा रद्द कर दी गई है। अफसरों के मुताबिक, भारतीय नौसेना के लिए 6 बोइंग P8I टोही विमान और सपोर्ट सिस्टम की खरीद की घोषणा करने की योजना भी बना रहे थे। प्रस्तावित 3.6 अरब डॉलर के सौदे में इन विमानों की खरीद पर बातचीत अंतिम चरण में थी।
भारत पर अब तक 50% टैरिफ
ट्रम्प भारत पर अब तक 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने 30 जुलाई को 25% टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है। वहीं, 6 अगस्त को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर भारत पर 25% टैरिफ और बढ़ा दिया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। ट्रम्प के आदेश में कहा गया है कि रूसी तेल की खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जंग में कर रहा है।
टैरिफ और द्विपक्षीय संबंधों पर स्पष्टता के बाद ही फैसला
अफसरों ने रॉयटर्स बताया कि भारत अमेरिका के साथ बातचीत करता रहेगा। टैरिफ और द्विपक्षीय संबंधों पर स्पष्टता के बाद ही फैसला लिया जा सकता है। रक्षा सौदे भी तभी आगे बढ़ पाएंगे। हालांकि, इन सौदों को रोकने के लिए लिखित निर्देश नहीं दिए गए हैं। इस मुद्दे पर भारतीय रक्षा मंत्रालय और पेंटागन ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया।
भारत कॉम्बैट व्हीकल्स खरीदने वाले थे
भारत जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स के स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और रेथियॉन तथा लॉकहीड मार्टिन (LMTN) के जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों को खरीदने वाला था। ट्रम्प और मोदी ने फरवरी में इनकी खरीद और संयुक्त उत्पादन की योजना को आगे बढ़ाने की घोषणा की थी।








