सोशल संवाद/डेस्क : सऊदी अरब में सोमवार तड़के एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें भारतीय उमरा यात्रियों को लेकर जा रही एक बस भीषण आग की चपेट में आ गई। इस दुर्घटना में 42 लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। हादसा रात करीब 1:30 बजे उस समय हुआ, जब बस मक्का से मदीना की ओर जा रही थी। हादसे में मारे गए ज्यादातर यात्री हैदराबाद के बताए जा रहे हैं।

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कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस मक्का से मदीना की ओर जा रही थी तभी अचानक सामने से आ रहे एक वाहन से उसकी जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस में आग लग गई और वह देखते ही देखते पूरी तरह जलकर खाक हो गई। कई यात्री आग से बच नहीं पाए और वहीं फँस गए। कुछ लोगों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन धुएँ और तेज लपटों के कारण स्थिति बेहद गंभीर बन गई।
स्थानीय बचाव दल और सिविल डिफेंस की टीमों ने आग पर काबू पाने के लिए तेजी से काम शुरू किया, लेकिन बस के मलबे और आग की तीव्रता के कारण बचाव अभियान अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा। कई शव बुरी तरह जले होने के कारण उनकी पहचान करने में भी कठिनाई हो रही है।
42 भारतीयों की मौत—कई घायल
दुर्घटना में लगभग 42 भारतीय यात्रियों की मौत होने की आशंका है, जबकि कुछ लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहाँ उनका इलाज चल रहा है। कई यात्रियों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
हादसे का शिकार हुए तीर्थयात्री उमरा के लिए सऊदी अरब पहुँचे थे। इनमें कई बुजुर्ग भी शामिल थे। रिपोर्टों के अनुसार, मारे गए कई यात्री हैदराबाद और उसके आसपास के जिलों से थे, जो समूह के रूप में उमरा यात्रा पर निकले थे।
तेलंगाना सरकार ने जताई चिंता
तेलंगाना सरकार ने हादसे की जानकारी मिलते ही विदेश मंत्रालय और सऊदी में भारतीय दूतावास से तुरंत संपर्क किया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार को स्थिति से अवगत कराते हुए पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की अपील की है। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि वह प्रभावित परिवारों की मदद के लिए निरंतर स्थिति पर नजर रखेगी।
सरकार ने अपने स्तर पर भी एक नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित किया है, ताकि मृतकों और घायलों के परिजन सटीक जानकारी प्राप्त कर सकें।
भारतीय दूतावास सक्रिय—हेल्पलाइन जारी
सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने हादसे की पुष्टि करते हुए राहत कार्य शुरू कर दिया है। दूतावास ने भारतीय यात्रियों के लिए 24 घंटे सक्रिय रहने वाली हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। इसके माध्यम से मक्का, मदीना और अन्य स्थानों पर मौजूद भारतीय यात्री या उनके परिजन किसी भी प्रकार की जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
दूतावास के अधिकारी लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं, ताकि घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले और मृतकों के शव जल्द से जल्द भारत भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
ओवैसी ने केंद्र से की त्वरित कार्रवाई की मांग
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि सभी मृतकों के शव भारत लाए जाएँ और घायल यात्रियों को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराया जाए।
ओवैसी ने विशेष रूप से विदेश मंत्री से अनुरोध किया है कि इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप करें, ताकि प्रक्रिया तेज हो सके और भारतीय नागरिकों के परिवारों को समय पर सहायता मिले।
यात्रियों के परिवारों में कोहराम
हादसे की खबर भारत पहुँचते ही पीड़ितों के परिवारों में मातम का माहौल है। कई परिवारों ने बताया कि उनके प्रियजन कुछ ही दिनों पहले उमरा यात्रा पर गए थे और वे इस खबर पर यकीन ही नहीं कर पा रहे हैं। कुछ परिवारों को अभी यह भी नहीं पता कि उनके परिजन सुरक्षित हैं या नहीं, क्योंकि आधिकारिक पहचान प्रक्रिया अभी चल रही है।
पहाड़ जैसा दुख, राहत की उम्मीद
दुर्घटना की भयावहता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियाँ अभी भी मलबा हटाने और पहचान करने का काम जारी रखे हुए हैं। सऊदी प्रशासन और भारतीय दूतावास दोनों मिलकर राहत और बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।
हालाँकि हादसे की असल वजह की जाँच अभी जारी है, लेकिन प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि सड़क पर अचानक सामने आए वाहन से टक्कर ही दुर्घटना का मुख्य कारण थी।
सऊदी अरब का यह हादसा उन परिवारों के लिए गहरा सदमा है जिनके प्रियजन उमरा की पवित्र यात्रा पर गए थे। 42 भारतीयों की मौत की आशंका ने पूरे देश को झकझोर दिया है। राहत कार्य जारी है और भारतीय सरकार यात्रियों के परिवारों को सहायता पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। यह घटना एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्राओं के दौरान सुरक्षा मानकों को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करती है।








