सोशल संवाद/डेस्क: Sona Devi University में गुरुवार को ‘इंडियाज़ रोल इन ग्लोबल ग्रोथ: सस्टेनेबिलिटी इन द 21वीं सदी’ विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का संयुक्त आयोजन एसडीयू स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट तथा एसडीयू स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड आईटी द्वारा किया गया।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहीं प्रो. डॉ. शुक्ला मोहंती, जिन्होंने कॉन्फ्रेंस की स्मारिका का विमोचन किया। वे पूर्व में कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा की कुलपति रह चुकी हैं और ओडिशा के राज्यपाल की शैक्षणिक सलाहकार भी रही हैं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में XLRI जमशेदपुर के प्रो. डॉ. देवाशीष प्रधान उपस्थित थे। कॉन्फ्रेंस में झारखंड समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए 200 से अधिक शोधकर्ताओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में शोधपत्र प्रस्तुत किए।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. गुलाब सिंह आज़ाद ने एसडीयू की शैक्षणिक गतिविधियों और शिक्षा क्षेत्र में भारत के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय सस्टेनेबल डेवलपमेंट के कई मॉडलों पर काम कर रहा है जिसमें ऊर्जा संरक्षण, मानव संसाधन विकास और संसाधनों के समुचित उपयोग शामिल हैं।
आईआईएम त्रिचुरापल्ली के निदेशक डॉ. पवन कुमार सिंह ने वीडियो संदेश के माध्यम से सतत विकास पर अपने विचार साझा किए। वहीं योगदा सत्संग महाविद्यालय के डॉ. मृणाल गौरव ने ऑडियो-विज़ुअल प्रेजेंटेशन देकर सतत विकास में जनभागीदारी की भूमिका समझाई।
XLRI के प्रो. डॉ. देवाशीष प्रधान ने तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर दिया। वहीं CII रांची के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने कहा कि झारखंड खनिज, ऑटोमोबाइल और पर्यटन के कारण सस्टेनेबल डेवलपमेंट की महत्वपूर्ण क्षमता रखता है।
कॉन्फ्रेंस में प्रो. रविन्द्र नाथ शर्मा (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड), डॉ. कुलदीप बौद्ध (बीएचयू), डॉ. दिव्यांशु कुमार समेत कई अकादमिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जर्मनी के डॉ. प्रणव कुमार और मलेशिया की एशिया-पैसिफिक यूनिवर्सिटी के डॉ. अरूंगम जी. सीतापरम ने भी ऑनलाइन वक्तव्य दिया। कार्यक्रम के संचालन व आयोजन में सिद्धांत कुमार, विनय प्रकाश चौधरी, पत्रि माली, मोनिका सिंह, प्रिंसी सिंह और सुप्रिया कुमारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।








