सोशल संवाद/डेस्क: “विरासत भी, विकास भी, दिल्ली विधानसभा वह स्थान है जहाँ इतिहास भविष्य को प्रेरित करता है,” यह बात दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता ने आज कही, जब उन्होंने विभिन्न देशों के सांसदों, पूर्व राजनयिकों, रक्षा और सामरिक मामलों के विशेषज्ञों तथा वैश्विक मीडिया एवं नागरिक समाज के प्रख्यात प्रतिनिधियों से युक्त एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने माननीय अध्यक्ष से शिष्टाचार भेंट की और उसके बाद ऐतिहासिक विधानसभा भवन एवं सदन का भ्रमण किया।

यह भी पढ़ें: Congress का काला श्रम कानून के खिलाफ पुतला दहन, मजदूर अधिकारों की बहाली की जोरदार मांग
श्री गुप्ता ने सभी अतिथियों का पारंपरिक ‘पटका’ पहनाकर तथा दिल्ली विधानसभा की स्मृति के रूप में विशेष उपहार भेंट कर स्वागत किया। श्री गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल को कॉफी टेबल बुक “दिल्ली विधान सभा की प्रस्तुति शताब्दी-यात्रा, वीर विट्ठलभाई पटेल” भी भेंट की, जो कि भारत के स्वतंत्रता-पूर्व केंद्रीय विधान सभा के प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष वीर विट्ठलभाई पटेल को समर्पित है।

प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस से राष्ट्रीय युवा आंदोलन के राष्ट्रीय प्रतिनिधि एंज़ो एलिएस; नेपाल से नेशनल डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष सुजीत केसी; नेपाल से राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व आईजीपी/पूर्व मंत्री ध्रुब बहादुर प्रधान; बेल्जियम से फ्लेमिश संसद के उपाध्यक्ष फिलिप डेविंटर; बेल्जियम से फ्लैंडर्स की सेनेटर अंक मारिया; फ्रांस के हांगकांग स्थित फ्रेंच कांसुलर सलाहकार गुइयोन मार्क; मंगोलिया के संसद सदस्य सांइखवु गनबातार; नेपाल की राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी की केंद्रीय समिति सदस्य एवं संचार अधिकारी इंजिसजिना कार्की;

मंगोलिया विकास बैंक के उप निदेशक एरडेनेबाटार खाश एरडेने; सर्बिया के विदेश मंत्रालय के काउंसलर एलेक्ज़ेंडर एम. गाजिक; नेपाल की राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के केंद्रीय प्रशिक्षण विभाग से प्रभा मिश्रा; यूनाइटेड किंगडम के राजनीतिक सलाहकार केनथ ओलिवर मॉरिस; सर्बिया से वोइवोडिना की स्वायत्त प्रांत विधानसभा के डिप्टी रायको कापेलन; श्रीलंका से एसएलपीपी के पोलित ब्यूरो सदस्य गीतनाथ कासिलिंगम एवं श्रीलंका से एसएलपीपी की स्पीकर एडिरिमन पंडिथागे सैंडविन्या लक्सरानी एडिरिमन शामिल थे।

माननीय अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया कि यह भवन स्वतंत्रता-पूर्व काल में केंद्रीय विधान सभा की प्रथम संसद रहा है और भारत की लोकतांत्रिक विरासत का गौरवशाली प्रतीक है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा में लागू की गई नेवा (राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन) जैसी आधुनिक पहल एवं विधानसभा को पूरा सौर ऊर्जा संचालित हरित भवन में परिवर्तित किए जाने की उपलब्धि की भी जानकारी दी।








