सोशल संवाद /डेस्क : बजरंग सेवा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष सागर तिवारी ने बयान जारी करते हुए झारखंड के मंत्री हाफ़िज़ुल अंसारी के बयान में कहते हैं की वो शरिया क़ानून को दिल में रखते है तो क्या सरिया क़ानून को ना मानने वाला ख़ुद सच्चा मुस्लिम कैसे हो सकता हैं शरिया क़ानून में धार्मिक और अपराधिक दोनों क़ानून लिखा गया है तो मंत्री महोदय क्या अपराधिक क़ानून का समर्थन करते है और अगर करते हैं तो उसे पालन काहे नहीं करते हैं ।
शरिया क़ानून को दिल में रखने वाले का सबसे बड़ा मकसद अपने समाज के लोगों को बेवक़ूफ़ बनाकर वोट बैंक की राजनीति करना है और मंत्री हाफ़िज़ुल अंसारी सच्चे मन से शरिया क़ानून को मानते है तो केवल धार्मिक क़ानून को ही उसका अपराधिक क़ानून को भी माने जिसमे चोरी करने पर हाथ काटने बलात्कार करने पर लिंग काटने का लिखा हुआ है अगर वो सच्चे मन से मानना है तो इसे भी माने और झारखंड में लागू करे और वो लागू भी संविधान के अनुसार ही होगा ।
सरिया कानून में साफ़ लिखा गया है की हत्या करने वाले का हत्या और व्याज खाना सबसे बड़ा गुनाह है तो क्या लगभग 40 लाख रुपये जो उनके खाते में है उसके द्वारा मिलने वाले व्याज को वो बैंक को वापस करते है या नहीं । हाफिजुल अंसारी जी ख़ुद झारखंड राज्य में मंत्री हैं अगर वो शरिया क़ानून को सच्चे मन से मानते है तो जल्द से जल्द शरिया क़ानून को झारखंड में लागू कर पूरे देश के मुस्लिम समुदाय को जागरूक संदेश दे और नहीं कर सकते है तो खुले मंच पर आकर घोषणा करे की शरिया क़ानून उनके दिल मैं नहीं है ।
मंत्री हाफ़िज़ुल अंसारी जी भूल चुके हैं की संविधान ही उनको कुछ भी कहने का अधिकार देता हैं और मंत्री भी संविधान के दायरे में बने है और इसलिए उनके दिल और दिमाग़ में संविधान को होना चाहिए ना ही वो क़ानून होना चहिए जिसे वो पूरा मानते ही नहीं हैं । मंत्री हाफ़िज़ुल अंसारी को संविधान निर्माता बाबा भीम राव अंबेडकर और माँ भारती के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर माफ़ी मांगनी चाहिए ।