सोशल संवाद/डेस्क : फिजिकली फिट होने के साथ ही मेंटली फिट होना सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर व्यक्ति मेंटली तौर पर फिट होता है, तो फिजिकली बीमार होने पर भी मजबूत इच्छाशक्ति की मदद से जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती है। जब आप इमोशनली और मेंटली खुद को फिट रखते हैं, तो लाइफ में आप हमेशा हैपी रहते हैं। हालांकि, इस दौर में लोग इमोशनली बहुत कमजोर होते जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग इस बात को समझ नहीं पाते कि वह अंदर से वीक होते जा रहे हैं, ऐसे में हम बता रहे हैं उन आदतों के बारे में जो इमोशनली वीक लोगों के अंदर होती हैं।
लोगों की आंखों में देखकर बात न कर पाना- इमोशनली वीक लोगों में ये आदत होती है कि वह लोगों की आंखों में देखकर बात नहीं कर पाते हैं। वह खुद को योग्य महसूस नहीं करते साथ ही उनमें पकड़े जाने का डर होता है।
पसंद न होने के बावजूद सहमत होना- लोगों की खुशी का ख्याल रखना जरूरी है, लेकिन खुद की खुशियों या पसंद को मारकर ऐसा करना सही नहीं है।
अपने आप को ज्यादा समझाना- जो लोग इमोशनली फिट नहीं होते हैं वह यह महसूस करते हैं कि लोग उनकी बातों पर विश्वास नहीं करेंगे। ऐसे में वह खुद को पहले से ही समझाने लगते हैं।
बार-बार माफी मांगना- ऐसा तब होता है जब आपकी गलती ना होने पर भी आपको दोषी महसूस करने के लिए मजबूर किया गया हो।
मन की बातें शेयर करने का डर- जब आप किसी से अपनी परेशानियों को शेयर करते हैं तो इससे मन हल्का हो जाता है और स्ट्रेस या डिप्रेशन जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। लेकिन जो मन की बातें शेयर करने से कतराते हैं, तो एलर्ट हो जाइए। यह सही संकेत नहीं है। ऐसा करने पर आप अंदर ही अंदर परेशान होते हैं।