सोशल संवाद /डेस्क: ITR filing– भारत में टैक्सपेयर्स के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना एक महत्वपूर्ण कानूनी दायित्व है। वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2024 है। फॉर्म 16 प्राप्त करने के बाद, वेतनभोगी व्यक्ति वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपना आईटीआर जून से दाखिल करना शुरू कर सकते हैं।
आमतौर पर आईटीआर फाइल करना कई टैक्सपेयर्स को बड़ा कठिन काम लगता हैं और हड़बड़ी में जाने-अनजाने उनसे कई छोटी-मोटी गलतियां हो जाती है। ये गलतियां बाद में काफी भारी पड़ सकती है। इन गलतियों के कारण कई बार टैक्सपेयर्स को समय से रिफंड नहीं मिलता है तो कभी-कभी आयकर विभाग की तरफ से नोटिस तक आ जाता है। ऐसे में ITR भरते समय आपको सावधानी बरतनी चाहिए और भूलकर भी ये गलतियां कभी नहीं करनी चाहिए।
अपना ITR फॉर्म भरते समय यह सुनिश्चित करें कि सभी पर्सनल इन्फॉर्मेशन जैसे नाम, पैन नंबर और बैंक डिटेल्स फॉर्म में सही ढंग से भरे गए हैं। इन गलतियों के कारण रिटर्न अस्वीकृत हो सकता है या रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
अपनी आय के स्त्रोत और आय के प्रकार के आधार पर उपयुक्त आईटीआर फॉर्म का चयन करना महत्वपूर्ण है। गलत फॉर्म भरने पर ITR अस्वीकृत हो सकता है या फिर से आपको ITR दाखिल करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, आईटीआर-1 वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है, जबकि आईटीआर-4 पेशेवरों और छोटे व्यवसायों के लिए है।
नौकरी से आय, ब्याज से आय, किराये से होने वाली कमाई और कैपिटल गेन सहित सभी स्रोतों से मिलने वाली इनकम की जानकारी अपने आईटीआर में दें। अपनी कुल आय का खुलासा नहीं करने पर आप पर जुर्माना लग सकता है और आप जांच के दायरे में भी आ सकते हैं।
डिडक्शन और छूटों पर गलत दावों के परिणामस्वरूप रिफंड कम हो सकता है या कर देनदारियां बढ़ सकती हैं। धारा 80सी, 80डी और अन्य के तहत उपलब्ध डिडक्शन से खुद को परिचित करें। सुनिश्चित करें कि दावा की गई सभी डिडक्शन वैध हैं और आवश्यक दस्तावेजों द्वारा समर्थित हैं।
ऑनलाइन फाइल करने के बाद प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आईटीआर को वेरिफाई करना जरूरी है। कई टैक्सपेयर्स इस स्टेप को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे उनका रिटर्न अमान्य हो जाता है। वेरिफिकेशन इलेक्ट्रॉनिक रूप से आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग के माध्यम से या CPC ऑफिस को अपने हस्ताक्षर के साथ एक फिजिकल कॉपी भेजकर किया जा सकता है।
सबसे आम गलतियों में से एक है समय पर ITR फाइल न करना। व्यक्तियों के लिए नियत तारीख आमतौर पर 31 जुलाई है। देरी से ITR दाखिल करने पर विलंब की अवधि के आधार पर 1,000 से 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इसके अतिरिक्त, देर से ITR फाइल करने वालों को कुछ डिडक्शन और छूटों से वंचित होना पड़ सकता है और आयकर विभाग से उच्च जांच का सामना करना पड़ सकता है।
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