सोशल संवाद/डेस्क: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तारीख 16 सितंबर भले ही बीत चुकी हो, लेकिन कई करदाता अब भी अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं. आयकर विभाग ने अधिकांश रिफंड प्रोसेस कर दिए हैं, फिर भी कुछ मामलों में देरी देखने को मिल रही है. इससे टैक्सपेयर्स के मन में स्वाभाविक तौर पर सवाल उठ रहे हैं कि उनका ITR रिफंड कब आएगा और देरी का कारण क्या है.
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रिफंड कब मिलेगा?
ITR को सफलतापूर्वक फाइल और ई-वेरीफाई करने के बाद आमतौर पर आयकर विभाग 4–5 सप्ताह के भीतर रिफंड जारी कर देता है. हालांकि, कुछ मामलों में प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है. देरी के मुख्य कारण ये भी हो सकते हैं
- ई-वेरीफिकेशन पूरा न होना
- बैंक अकाउंट की जानकारी में गलती
- रिटर्न में दर्ज विवरण में त्रुटि
- PAN–Aadhaar मिसमैच
यदि आपके बैंक खाते को पहले से प्रिवैलिडेट किया गया है, तो रिफंड अपडेट जल्दी मिल सकता है. रिफंड में ज्यादा समय लगने पर अपने ईमेल और पोर्टल पर किसी भी नोटिस की जांच जरूर करें.

ITR Refund Status कैसे चेक करें?
अपना रिफंड स्टेटस जानना बेहद आसान है. इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप फॉलो करें
- इनकम टैक्स पोर्टल: eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/ पर जाएं
- अपने यूजर ID और पासवर्ड से लॉग इन करें.
- ‘e-File’ टैब पर क्लिक करें.
- ‘Income Tax Returns’ चुनें और ‘View Filed Returns’ पर जाएं.
- आपके सभी फाइल किए गए ITR दिखाई देंगे.
- संबंधित वर्ष के सामने ‘View Details’ पर क्लिक करें.
यहां आपका रिफंड स्टेटस दिख जाएगा. नियमित रूप से रिफंड स्टेटस चेक करते रहने से आप देरी की वजह समझ पाएंगे और समय पर सुधार कर सकेंगे.
ITR Refund Delay की आम वजहें
रिफंड न आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे बैंक अकाउंट नंबर, IFSC या अन्य विवरण में गलती, PAN और Aadhaar में विवरण अलग होना, कटौतियों या टैक्स क्रेडिट से जुड़े अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता, Form 26AS, Form 16 या AIS में जानकारी का मेल न खाना इन त्रुटियों को सुधारकर आप रिफंड प्रोसेसिंग में लगने वाला समय कम कर सकते हैं.








