सोशल संवाद/ डेस्क: झारखंड हाइकोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित करने में देरी को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है और शिक्षा विभाग को नयी परीक्षा कराने की समय-सीमा बताने का निर्देश दिया है. नीलम कुमारी की एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति आनंद सेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को एक हलफनामा प्रस्तुत कर सरकार की ‘मंशा’ के बारे में अदालत को बताने का आदेश दिया कि क्या वह भविष्य में टीईटी आयोजित करेगी या नहीं.
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उच्च न्यायालय ने सचिव को यह भी आदेश दिया कि वह बताएं कि सरकार नयी परीक्षाएं कब तक आयोजित कराएगी. याचिका पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने पाया कि राज्य में 2016 से टीईटी का आयोजन नहीं हुआ है.अदालत ने 19 अगस्त को अपने आदेश में कहा कि इस तरह नौकरी के इच्छुक कई उम्मीदवार सहायक शिक्षक के रूप में सरकारी सेवाओं में प्रवेश करने से वंचित हो रहे हैं. यह आदेश शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य द्वारा ये परीक्षाएं वर्ष में कम से कम एक बार आयोजित की जानी हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.








