सोशल संवाद/डेस्क : झारखंड सरकार में पदों व सेवाओं की रिक्तियों में 60-40 की नीति से ही नियोजन होगा। सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक अंबा प्रसाद के सवाल के जवाब में यह बात स्वीकार की है। अंबा प्रसाद ने सवाल किया था कि राज्य में 60-40 की नियोजन नीति का व्यापक विरोध स्थानीय लोग कर रहे हैं। इस मामले में अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
इसके जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया कि झारखंड में पदों व सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए मेरिट कोटि से 40 व आरक्षित कोटि से 60 प्रतिशत रिक्तियां भरी जाएंगी। सोमवार को अल्पसूचित प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के सवालों पर सरकार की ओर से यह लिखित जवाब दिया गया।
सरकार ने अपने जवाब में कहा कि आरक्षित कोटि के सीटों में अनुसूचित जाति के लिए 10,अनुसूचित जनजाति के लिए 26, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) के लिए 8 व पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-2) के लिए छह प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। आर्थिक रूप से कमजोर जिसमें एसटी-एससी व ओबीसी शामिल नहीं हैं, 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसी आरक्षण के अनुरूप वर्तमान में राज्य में नियुक्ति की जा रही है। सरकार ने यह भी कहा है कि रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 के पारित होने के बाद आरक्षण में वृद्धि करेगी, यह विधायी कार्य प्रक्रियाधीन है।
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