सोशल संवाद/डेस्क: झारखंड हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद आखिरकार सामान्य स्नातक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा यानी JSSC CGL-2023 का परीक्षाफल जारी कर दिया गया है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से जारी इस परिणाम में कुल 1932 अभ्यर्थियों को विभिन्न सरकारी पदों के लिए सफल घोषित किया गया है। लंबे समय से परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह बड़ी राहत की खबर मानी जा रही है।
यह भी पढ़ें: UPSSSC PET 2025 result declared: यहां से करें स्कोरकार्ड डाउनलोड
इस भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत वर्ष 2023 में राज्य के अलग-अलग विभागों में कुल 2025 पदों पर नियुक्ति के उद्देश्य से की गई थी। इसके अंतर्गत सहायक प्रशाखा पदाधिकारी, कनीय सचिवालय सहायक, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, प्लानिंग असिस्टेंट, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी तथा अंचल निरीक्षक सह कानूनगो जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। सबसे अधिक सफल अभ्यर्थी सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर घोषित किए गए हैं।
यह परिणाम झारखंड हाईकोर्ट के 3 दिसंबर को दिए गए आदेश के बाद जारी किया गया है। अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग को शीघ्र परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने और राज्य सरकार को चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। उसी आदेश के अनुपालन में आयोग ने यह परिणाम जारी किया है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी चयनित अभ्यर्थियों के अंक, कटऑफ और विभागवार रिक्तियों के अनुसार अंतिम सूची छठे चरण की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद अभ्यर्थी अपना विस्तृत परिणाम ऑनलाइन देख सकेंगे।
इस परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े एक स्पर्शक मामले में 10 अभ्यर्थियों का परिणाम फिलहाल रोक दिया गया है, जिनकी जांच एसआईटी के जरिए की जा रही है। आयोग के अनुसार जांच रिपोर्ट आने के बाद इन अभ्यर्थियों के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा कुछ उम्मीदवारों के दस्तावेज अधूरे या गलत पाए जाने के कारण उनका रिजल्ट भी अस्थायी रूप से रोका गया है। सही दस्तावेज प्रस्तुत करने पर उनके परिणाम में संशोधन किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सीजीएल परीक्षा पिछले 10 वर्षों से आयोजित की जा रही है, लेकिन कई बार तकनीकी, प्रशासनिक और कानूनी कारणों से इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती थी। इस बार भी कई व्यवधान आए, लेकिन अंततः परिणाम जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में 3 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, जिनमें से 1932 को सफलता मिली है।
आयोग ने यह भी साफ किया है कि यदि चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि, मिसमैच या तकनीकी गड़बड़ी सामने आती है, तो उसे सुधारने का पूरा अधिकार आयोग के पास सुरक्षित रहेगा। अब अगले चरण में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है।








