सोशल संवाद/डेस्क: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL (कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा) में कथित पेपर लीक मामले पर हाईकोर्ट ने बुधवार को फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए JSSC को परीक्षा का रिजल्ट जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

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इससे पहले पिछली सुनवाई में राज्य सरकार, JSSC और वादियों एवं सफल अभ्यर्थियों की ओर से बहस पूरी हुई थी। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने मामले में मजबूती से अपना पक्ष रखा, वहीं JSSC की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल उपस्थित हुए। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने बहस करते हुए मामले की गंभीरता पर जोर दिया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दस अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगेगी, जिन्होंने नेपाल में रहकर परीक्षा की तैयारी की थी। इसके अलावा, बाकी सभी उम्मीदवारों के रिजल्ट अब जारी किए जा सकते हैं। इस फैसले के बाद राज्य में JSSC CGL परीक्षा के माध्यम से होने वाली हजारों नियुक्तियों का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
JSSC CGL परीक्षा के तहत चयनित उम्मीदवार अब आगे की नियुक्ति प्रक्रिया और दस्तावेज़ सत्यापन के लिए तैयारी कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि आयोग को जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए ताकि उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित न हो।
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे JSSC की आधिकारिक वेबसाइट पर समय-समय पर विज़िट करते रहें और रिजल्ट और नियुक्ति से जुड़ी सभी अपडेट्स देखें। इसके अलावा, जिन दस अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगी है, वे कोर्ट के आदेश और JSSC के निर्देशों के अनुसार अगली कार्रवाई का इंतजार करें।
इस फैसले से राज्य में CGL भर्ती की प्रक्रिया पर चल रही अटकलों और विवाद को भी विराम मिला है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि परीक्षा निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई और आयोग को अब रिजल्ट जारी करने की अनुमति है।








