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केजरीवाल सरकार ने पिछले 9 वर्षों से डीजेबी के खराब प्रदर्शन को नजरअंदाज करके खुद ही दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है – वीरेंद्र सचदेवा

By Nidhi Ambade

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सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट– सिद्धार्थ प्रकाश : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि सरकारी खजाने के पैसे की लूट का केंद्र बन चुके दिल्ली जल बोर्ड पर जल मंत्री सुश्री आतिशी द्वारा दिल्ली विधानसभा और दिल्लीवासियों को गुमराह करते हुए देखना दुखद है।

केजरीवाल सरकार ने पिछले 9 वर्षों से डीजेबी के खराब प्रदर्शन को नजरअंदाज करके खुद दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। केजरीवाल सरकार ने जल बिल निपटान योजना का बहुत प्रचार किया, लेकिन अचानक इस पर चुप हो गई क्योंकि यह उजागर हो गया कि केजरीवाल सरकार इस पर कभी गंभीर नहीं थी, उन्होंने सार्वजनिक रूप से प्रचार किया लेकिन वास्तव में फाइल दबाए बैठे रहे।दिल्ली जल बोर्ड में चल रहे वित्तीय गड़बड़ियों के अलावा मंत्री ने डीजेबी की कार्यप्रणाली पर भी विधानसभा और दिल्लीवासियों को गुमराह किया है।

सचदेवा ने कहा कि हमने आज डीजेबी से संबंधित कुछ बिंदु उठाए हैं और मंत्री सुश्री आतिशी से उन पर जवाब देने को कहते हैं :

1. मंत्री ने विधानसभा में कहा कि डीजेबी के पास 126 एमजीडी भूजल उपलब्ध है, जबकि तथ्यात्मक रूप से ऐसा कोई डेटा डीजेबी के पास उपलब्ध नहीं है, इसलिए सुश्री आतिशी विधानसभा और दिल्लीवासियों से झूठ बोलने के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया जा सकता है।

2. हर साल केजरीवाल सरकार डीजेबी में नए फंड डालती है। इस साल 7200 करोड़ रूपए डालेगी लेकिन डीजेबी ने 2015-16 से अपने खातों की बैलेंस शीट तैयार नहीं की है और कोई ऑडिट नहीं हो रहा है और इसलिए आश्चर्य होता है कि केजरीवाल सरकार किस प्रदर्शन के आधार पर डीजेबी में नए फंड डालती रहती है।

3. केजरीवाल सरकार द्वारा कोई नया जल उपचार संयंत्र स्थापित नहीं किया जाना उसके कार्य प्रदर्शन की विफलता को दर्शाता है।

4. दिल्ली जल बोर्ड का लगभग 50 प्रतिशत पानी गैर-राजस्व हो जाता है, यह या तो लीकेज में बर्बाद हो जाता है या चोरी में, डीजेबी की आर्थिक जल प्रबंधन नीति का प्रतिकूल प्रमाण है यह।

5. जल बिल निपटान योजना पर सरकार ने मीडिया में खूब बातें कीं, लेकिन अचानक चुप हो गई, क्योंकि यह उजागर हो गया कि जल मंत्री ने ही फाइल रोक रखी है।

6. एनजीटी गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में अनुमन्य नाइट्रोजन की सीमा बढ़ा दी गई है।

7. सरकार अक्सर कहती है कि यमुना में अमोनिया का स्तर बहुत अधिक है, लेकिन अनियंत्रित उच्च मूल्य नाइट्रोजन को नदी में गिरने देती है जिससे अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है।

8. 250 एमजीडी के जल उपचार संयंत्रों में उपयोग की जा रही तकनीक वह है जो वास्तव में केवल 10 एमजीडी संयंत्रों के लिए है।

9. जल मंत्री के रूप में सौरभ भारद्वाज और सुश्री आतिशी ने यह अनिवार्य कर दिया है कि प्रत्येक रखरखाव कार्य या खर्च की फाइल मंत्री के पास आनी चाहिए जो डीजेबी का काम को रोक रहा है।

10. 5 बरसाती कुएं खराब हो गए हैं, जिससे प्रतिदिन 1000 टैंकर पानी की मांग हो रही है, लेकिन केजरीवाल सरकार उन्हें चालू करने का प्रयास नही कर रही है।

11. बेहतर तकनीक वाला डीजेबी का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सीएम केजरीवाल के पास लंबित है, लेकिन 5 साल से मंजूरी नहीं मिली, क्यों, कोई नहीं जानता।

12. 2018 से डीबी के 3 वाटर बेसिन स्थापित करने का प्रस्ताव लंबित है, क्यों कोई समझ नहीं पा रहा है क्यों निर्णय नही करते केजरीवाल।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्लीवासी मेरे द्वारा उठाए गए दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित 12 प्रश्नों पर जवाब चाहते हैं और मैं सीएम केजरीवाल को जवाब देने की चुनौती देता हूं, अन्यथा लोग मान लेंगे कि सीएम डीजेबी के भ्रष्टाचार और गैर-प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार हैं।

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