सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट-सिद्धार्थ) : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कल ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग की घटना को देखते हुए बताया कि डीपीसीसी,एमसीडी और दिल्ली फायर सर्विस को लैंडफिल साइट पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है| लैंडफिल साइट पर आग की घटनाओ पर काबू पाने और बुझाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश भी सभी सम्बंधित विभागों को जारी किये गए है|
उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम के दौरान, हर साल दिल्ली में लैंडफिल साइटों से आग लगने की घटनाओं की सूचना मिलती है। ऐसी आग की घटनाओं को रोकने और किसी लैंडफिल साइट पर आग लगने की स्थिति में उन्हें नियंत्रित करने के लिए विभिन्न मानदंड/अनुदेश पहले से ही विद्यमान हैं। ऐसे में कल ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग की घटना के मामले आज डीपीसीसी,एमसीडी और दिल्ली फायर सर्विस को लैंडफिल साइटों पर आग लगने की ऐसी घटनाओं को रोकने और नियंत्रित करने के लिए निर्धारित मानदंडों/अनुदेशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए है | ताकि इस तरह की आग लगने से रोका जा सके और किसी लैंडफिल साइट पर आग लगने की घटना के मामले में आग को नियंत्रित करने और बुझाने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सके।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लैंडफिल साइट्स पर लगने वाली आग की घटनाओं पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि लैंडफिल साइट्स में आग लगने का सबसे बड़ा कारण उसमे से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस है, जो ना केवल आग की घटनाओं को बढ़ावा देती है बल्कि वायुमंडल के लिए भी हानिकारक है | ऐसे में लैंडफिल साइट्स पर आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए एक एसओपी भी तैयार की गई है। इस एसओपी को कड़ाई से लागू करने के लिए लैंडफिल साइट्स में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी सम्बंधित विभागों की टीमों को 24 घंटे निगरानी रखने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए है | यह टीमें ना केवल लैंडफिल साइट्स का सतत निरीक्षण करेंगी बल्कि आग की घटनाओं को रोकने का भी काम करेंगी |
लैंडफिल साइट्स पर आग की घटनाओं के नियंत्रण के लिए उपाय :-
- 24*7 कर्मियों की तैनाती और सीसीटीवी लगाने के निर्देश
- फायर टेंडर की तैनाती
- अनधिकृत व्यक्तियों और कूड़ा बीनने वालों के प्रवेश का निषेध
- “नो स्मोकिंग ज़ोन” घोषित करना
- वहाँ के तापमान की लगातार निगरानी