सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट- सिद्धार्थ प्रकाश ): दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि जंतर मंतर पर भ्रष्टाचारी अरविन्द केजरीवाल को ईमानदार को सर्टिफिकेट दिलाने के लिए लगी ‘‘जनता की अदालत’’ में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और कैबिनेट सदस्यों में अपने चुनाव चिन्ह झाडू के प्रति उस वक्त एकाग्रता नही दिखाई दी, जब केजरीवाल झाडू को हाथ में लेकर भाड़े की भीड़ के बीच चींख-चींख कर विधानसभा चुनाव में वोट मांग रहे थे। उस वक्त केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा मुख्यमंत्री आतिशी सहित सभी नेताओं ने झाडू को हाथ में लेने से परहेज दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल को सत्ता और पद का लालच नही है तो क्यों अग्नि परीक्षा के लिए जनता की अदालत में जा रहे है?
देवेन्द्र यादव ने कहा कि साधारण नागरिक होने के नाते जनता की अदालत में जाने वाले केजरीवाल के पास मेरे पांच सवालों का जवाब है? क्या सुप्रीम कोर्ट की जमानत की शर्तें केजरीवाल के अनैतिक तरह से जनता को गुमराह करने से बदल जाएंगी? क्या जनता को मुद्दों से भटका कर उनका वोट हासिल करके केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल जाएगी? क्या जनता की अदालत को इवेंट बनाकर पेश करने पर भ्रष्टाचार में संलिप्त केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टिफिकेट जनता दे देगी? केजरीवाल का चींख-चींख कर कहना कि जनता बाइज्जत मुझे बरी करेगी तभी वापस मुख्यमंत्री पद पर बैठूंगा, क्या यह बयान सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुचाने वाला बयान नही है? अगर पिछले तीन बार की तरह तिगड़म करके जनता को गुमराह करके केजरीवाल जीत भी गए तो क्या नैतिकता और शराब घोटाले के आरोपी होने के नाते वे मुख्यमंत्री पद पर बैठना मर्यादित होगा?
देवेन्द्र यादव ने कहा कि सैंकड़ो करोड़ के घोटाले के आरोप में 17 महीने जेल में रहने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली की जनता की अदालत में सार्वजनिक तौर माफी मांगनी चाहिए। अगर अरविनद केजरीवाल वास्तव में जनता की अदालत में जाकर अपने आपको ईमानदार साबित करने की अग्नि परीक्षा से गुजरना चाहते है, तो सर्वप्रथम वे पार्टी मुखिया पद और विधायक पद से इस्तीफा देकर एक आम आदमी की तरह जनता के बीच जाएं।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि 10 साल मुख्यमंत्री पद पर रहकर कोई घर नही बनाया, मैं अंदर से दुखी हूँ, पीड़ित हूँ, मैंने जनता की निस्वार्थ सेवा की है, क्या भावनात्मक भाषण से केजरीवाल सहित आप पार्टी के नेताओं द्वारा हुए भ्रष्टाचार खत्म हो सकते है? मैं दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूँ अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के हैं नही? केजरीवाल बाहरी है और अब वक्त आ गया है कि उन्हें आगामी विधानसभा में बाहर भेजना दिल्ली की जनता का काम है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में दिल्ली को बदहाल बनाने वाले केजरीवाल के झूठे और बेबुनियाद वायदों से अब तंग आ चुकी जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में बाय-बाय केजरीवाल का मन बना चुकी है।
देवेन्द्र यादव ने जनता से अपील की कि जब केजरीवाल जनता की अदालत में आपकी विधानसभा में आएं तो उनसे पूछें कि 10 वर्षों में जनलोकपाल गठित क्यों नही किया? भ्रष्टाचार मुक्त शासन क्यों नही दे पाये? ईमानदार थे तो जेल जाते ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नही दिया? सीएजी की 11 रिपोर्ट को आतिशी द्वारा सार्वजनिक करने के लिए कहें? अभी तक बिजली कंपनियों का ऑडिट क्यों नही कराया? शराब घोटाले, शिक्षा घोटाले, स्वास्थ्य घोटाले, जल बोर्ड घोटाले, बिजली घोटाले, टैंकर माफिया का विधायकों के साथ गठबंधन घोटाले, शरान घोटाला, समाज कल्याण घोटाला, गाद निकालने के घोटालों में हुए जनता पैसे की बर्बादी और सरकारी विभागों के अंदर भ्रष्टाचार के मामलों के दोषियों पर कार्यवाही करवाने की कार्यवाही क्यों नही की?