राजनीति

दिल्ली के दलित समाज के लिए केजरीवाल की बड़ी घोषणा, विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों का पूरा खर्च उठाएगी ‘‘आप’’ सरकार

सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली के दलित समाज के बच्चों को अब विदेश में पढ़ने का सपना साकार हो सकेगा। दलित छात्रों को सिर्फ विदेश की किसी मनचाही टॉप की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना होगा। उसके बाद आने- जाने और वहां रह कर पढ़ाई करने का पूरा आम आदमी पार्टी की सरकार उठाएगी। आम आदमी पार्टी की सरकार डॉ. अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप योजना शुरू करेगी। शनिवार को ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के दलित समाज के लिए यह बड़ी घोषणा की।

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उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ दलित समाज के सरकारी कर्मचारी भी उठा सकेंगे। वह भी अपने बच्चों को मुफ्त में विदेश पढ़ने के लिए भेज सकेंगे। उन्होंने कहा कि अमित शाह और भाजपा ने संसद में बाबा साहब का अपमान किया और उनका मजाक उड़ाया, यह योजना इसका जवाब है। भाजपा वालों, तुम बाबा साहब को गाली दो और मैं उन्हें सम्मान दूूंगा। इस दौरान मनीष सिसोदिया, सीएम आतिशी, मंत्री मुकेश अहलावत, अवध ओझा, राखी बिड़लान, कुलदीप कुमार समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी हमने तीन दिन पहले देखा कि किस तरह देश के गृह मंत्री और भाजपा के नेता अमित शाह ने संसद के अंदर बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए वो अपमानजनक तो थे ही, लेकिन जिस लहजे से उन्होंने बोला, उन्होंने बाबा साहब का मजाक उड़ाया। अमित शाह कह रहे थे कि अंबेडकर- अंबेडकर कहना आजकल फैशन हो गया है। मैं अपने आप को बाबा साहब अंबेडकर का भक्त मानता हूं और इससे मुझे व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत दुख हुआ। मैं समझता हूं कि दुनिया भर में बाबा साहब को चाहने वाले करोड़ों-करोड़ों लोगों को इससे पीड़ा पहुंची है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर जब जिंदा थे, तो उस समय भी कई लोग उनके सामने उनका मजाक उड़ाया करते थे। लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि आज़ाद भारत में भी कभी ऐसा समय आएगा, जब कोई पार्टी और कोई नेता इस तरह खुलेआम संसद के अंदर उनका मजाक उड़ाएगा। जबकि आज हमारी संसद बाबा साहब के संविधान की वजह से है। हम भाजपा और उनके नेताओं की कड़ी निंदा करते हैं, जिन्होंने खुलेआम बाबा साहब अंबेडकर का मजाक उड़ाया। लेकिन इस अपमान के जवाब में आज मैं बाबा साहब अंबेडकर के सम्मान में एक बहुत बड़ी घोषणा कर रहा हूं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब ने शिक्षा को सबसे ज्यादा तवज्जो दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर हमारे समाज को आगे बढ़ना है तो एक ही चीज़ है जो हमारे समाज को एक पीढ़ी के अंदर सबको बराबर खड़ा कर सकती है और वो है शिक्षा। उन्होंने अपनी जिंदगी में शिक्षा पाने के लिए बहुत संघर्ष किए, उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उनके जमाने में बहुत ज्यादा छुआछूत थी। वह जब स्कूल जाते थे तो अपने साथ टाट-पट्टी लेकर जाते थे। उन्हें क्लास के बाहर बैठा दिया जाता था। वह टाट-पट्टी पर बैठते थे और उनको कहा जाता था कि क्लास के अंदर जो टीचर बोल रहा है उसकी आवाज़ आ रही होगी। उस आवाज़ को सुनकर तुम पढ़ लेना। ऐसी परिस्थिति में पढ़कर उन्होंने पहले बंबई से ग्रेजुएशन की और उसके बाद वह पीएचडी के लिए कोलंबिया यूनिवर्सिटी गए।

1915 में उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। जिसके बाद वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गए, वहां से उन्होंने पीएचडी की। लेकिन लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ते हुए उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि उनके पास पैसे कम पड़ गए थे और उनको वापस भारत आना पड़ा। यहां आकर उन्होंने पैसों का इंतजाम किया और दोबारा अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गए। इसके बाद उन्होंने किस तरह से संघर्ष करके देश को आज़ादी दिलाई, भारत का संविधान लिखा और देश के पहले कानून मंत्री बने, यह हम सब जानते हैं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं भी चाहता हूं कि दलित समाज का कोई भी बच्चा पैसे की कमी की वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रह जाए। इसलिए आज मैं डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप प्रोग्राम की घोषणा करता हूं। इसके तहत दलित समाज का कोई भी बच्चा अगर दुनिया की किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहेगा तो वह बच्चा केवल उस यूनिवर्सिटी में दाखिला ले ले। वहां दाखिला लेने के बाद उसकी सारी पढ़ाई और आने-जाने का सारा खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी। जिस तरह बाबा साहब अंबेडकर ने विदेशों में पढ़ाई करके एक नहीं, बल्कि डबल पीएचडी की, दो-दो डॉक्टरेट हासिल की।

उन्होंने उन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की, जहां आज की तारीख में भी दाखिला लेना बड़ा मुश्किल है। उनको पैसे की भी किल्लत हुई। लेकिन आज हम आज़ाद भारत में सांस ले रहे हैं। आज़ाद भारत में किसी बच्चे को विदेश की किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसलिए आज मैं पूरे दलित समाज के लिए यह घोषणा कर रहा हूं। डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप के तहत अगर किसी भी दलित समाज के बच्चे को विदेश में पढ़ना हो तो उसका खर्च हमारी सरकार उठाएगी। बाबा साहब के बताए हुए पदचिह्नों पर चलिए। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया, आप भी वो हासिल करने की कोशिश करिए। हम आपका साथ देंगे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोगों का सवाल था कि सरकारी कर्मचारी, यानी दलित समाज के जो लोग सरकारी नौकरी में हैं। क्या सरकारी अफसरों के ऊपर भी यह योजना लागू होगी? बिल्कुल उन पर भी यह योजना लागू होगी। क्योंकि मैं नहीं समझता कि जो सरकारी कर्मचारी भी ईमानदारी से काम करते हैं, वह अपने बच्चों को बिना स्कॉलरशिप के विदेशों में पढ़ाने की हैसियत रखते हैं। उनपर भी यह योजना लागू होगी। भाजपा और अमित शाह ने बाबा साहब का जो मजाक उड़ाया, उसका जवाब हम आज इस योजना से पूरे दलित समाज के लिए दे रहे हैं।

यह योजना उन वंचितों को शक्ति व सम्मान देने की लड़ाई है, जिनके अधिकारों को दशकों तक दबाया गया- मनीष सिसोदिया

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि डॉ. अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप, यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की नींव रखने वाला ऐतिहासिक कदम है। अरविंद केजरीवाल जी की इस क्रांतिकारी पहल से गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के सपने अब हकीकत बनेंगे। यह योजना उन्हें बड़ी यूनिवर्सिटी और विदेशों में पढ़ने का अवसर देगी, ताकि वे बाबा साहब के पद चिह्नों पर चलकर समाज के उत्थान का हिस्सा बन सकें। यह उन वंचितों को शक्ति और सम्मान देने की लड़ाई है, जिनके अधिकारों को दशकों तक दबाया गया। आइए, मिलकर इस बदलाव का हिस्सा बनें और हर बच्चे के भविष्य को उजाला दें।

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को विदेश में जाकर पढ़ने का अवसर दिया- सीएम आतिशी

सीएम आतिशी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हमें इस देश का संविधान दिया, हमें वोट करने और बराबरी का अधिकार दिया। बाबा साहब हमें यह नारा देकर गए, शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित रहो। लेकिन बाबा साहब का यह सपना कि हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सके, अगर उनके 75 साल बाद किसी एक राज्य में किसी एक सरकार और एक नेता ने पूरा किया है, तो वह दिल्ली की सरकार है और वह नेता अरविंद केजरीवाल हैं।

अरविंद केजरीवाल ने दस साल से लगातार अपने बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर लगाया। उन्होंने सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाया। गरीब परिवार से आने वाले बच्चों को जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने का मौका दिया। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को विदेश, पेरिस जैसे शहर में जाकर पढ़ने का अवसर दिया और उन्हें फ्रेंच सीखने का मौका दिया। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों को शानदार शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि कई बार यह भी सवाल उठता है कि बच्चे स्कूलों में तो अच्छी शिक्षा ले लेते हैं, लेकिन एक गरीब और पिछड़े परिवार का बच्चा स्कूल की शिक्षा पाने के बाद आगे कैसे बढ़ेगा? जब भी कोई आम इंसान, गरीब व्यक्ति या किसी भी पिछड़े तबके का व्यक्ति परेशान होता है, तो अरविंद केजरीवाल उस परेशानी का समाधान निकालते हैं। आज वह हमारे बच्चों की शिक्षा के लिए फिर एक शानदार योजना लेकर आए हैं।

अंबेडकर फैशन नहीं, बल्कि हर बच्चे को शिक्षित करने और महिलाओं को सशक्त बनाने का पैशन है- राखी बिड़लान

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल की यह ऐतिहासिक योजना दिल्ली के दबे-कुचले समाज के बच्चों को वैश्विक स्तर पर बड़ी से बड़ी डिग्री हासिल करने का न सिर्फ मौका देगी, बल्कि दलित समाज को अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा करने में मील का पत्थर साबित होगी। तीन दिन पहले जिस तरह देश की संसद में यह कहा गया कि अंबेडकर-अंबेडकर कहना एक फैशन बन गया है, उन लोगों से मैं कहना चाहती हूं कि अंबेडकर एक फैशन नहीं, बल्कि एक पैशन है। यह पैशन लोगों को शिक्षित करने का है। यह पैशन दलित समाज को अग्रिम पंक्ति में लाकर समानता का अधिकार देने का है। यह पैशन महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को खत्म करके उन्हें सम्मान देने और आर्थिक तौर पर मजबूत करने का है। दिल्ली के लोकप्रिय नेता अरविंद केजरीवाल इस पैशन को फॉलो कर रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल वह व्यक्ति हैं जो बाबा साहब अंबेडकर के पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करते हैं। बाबा साहब की जीवनी को पढ़कर उनके मार्गदर्शन में चलने का काम करते हैं। इन तानाशाही, लोकतंत्र और संविधान विरोधी लोगों के साथ संघर्ष करते हैं, ताकि इस देश की एकता, अखंडता और भाईचारा बना रहे। अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में समय-समय पर क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिससे हाशिये पर पड़े हर वर्ग के लोगों को अच्छी शिक्षा मिल सके और वे अग्रिम पंक्ति में आकर इस लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत कर सकें।

Tamishree Mukherjee
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