सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : इस एस.टी.पी. घोटाले के विरूद्ध आज दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा एवं नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में दिल्ली जलबोर्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। पूर्व अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता, वरिष्ठ नेता विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, श्री अजय महावर, अभय वर्मा एवं श्री अनिल बाजपेई, प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा एवं योगेन्द्र चंदोलिया आदि ने भी उपाध्यक्ष गजेंद्र यादव द्वारा संचालित प्रदर्शन को सम्बोधित किया। प्रमुख प्रदेश पदाधिकारियों विष्णु मित्तल, योगिता सिंह, श्री विनय रावत, श्रीमति शिखा राय, सारिका जैन, किशन शर्मा, सुनिल यादव, ॠचा पांडे मिश्रा, श्री शशि यादव, नीरज तिवारी, विक्रम बिधूड़ी, ज्योतजीत सबरवाल के आलावा जिलाध्यक्ष आदि भी प्रदर्शन में सम्मलित हुए। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा जब शराब घोटाले को लेकर बार बार सवाल कर रही थी तो अरविंद केजरीवाल इसे झूठा बता रहे थे लेकिन आज मनीष सिसोदिया जेल के अंदर है और घोटाला उजागर हो गया।
उन्होंने जलबोर्ड को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा कि जालबोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से बड़ा घोटाला है। 15 दिन पहले कुछ दस्तावेज के आधार पर हमने 3753 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था और आज भी हम उसपर कायम है। अरविन्द केजरीवाल किसी भी घोटाले को एक सुयोजित तरीके से करते हैं। सचदेवा ने कहा कि शराब घोटाले में जिस तरह से कर्टल बनाया गया उसी तरह जलबोर्ड घोटाले में भी बनाया गया लेकिन इसमें सिर्फ दो कंपनी ही आ पाई। इसके बाद कुछ अन्य शर्ते भी लगा दी गई। लेकिन जब अनुभव की बात आई तो दोनों कम्पनियों से ताइवान की एक कंपनी का अनुभव सर्टिफिकेट बिना किसी सत्यापन के स्वीकार लिया गया।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जितेंद्र तोमर की डिग्री भी जांच कर ली और फिर उसे सही बताते रहे लेकिन उसे बाद में हटा भी दिया। सतेन्द्र जैन को पद्म विभूषण देने की बात करते थे जो आज तिहाड़ में हैं, मनीष सिसोदिया को पद्म श्री देने की बात करते थे लेकिन आज वह शराब घोटाले में जेल के अंदर हैं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की संघर्ष का नतीजा है कि पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी हिली हुई है और अब वह समय आ गया है जब भाजपा इस भ्रष्टाचार के अड्डे को समाप्त करेगी।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि जिस सरकार ने 2015 से 2020 तक हर घर जल का वायदा बार-बार दोहराया उसके राज में आज 2023 में भी दिल्ली की एक तिहाई आबादी टैंकर माफिया के रहमो करम पर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की 1998 में हुई स्थापना से यह तय था कि दिल्ली जल बोर्ड कर्मचारियों का वेतन आदि अपने नियमित खर्च अपने राजस्व से करेगा पर आज जो दिल्ली जल बोर्ड अरबों रूपयों का राजस्व इक्कठा करता है वह गत 5 वर्ष से हर वर्ष 900 करोड़ रूपये वेतन के लिये भी दिल्ली सरकार से ऋण लेता है। इसलिए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जलबोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि किसी भी संस्था में हेरफेर का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि 6 वित्त वर्ष तक उसके खाते ही न लिखे जायें जैसा कि दिल्ली जल बोर्ड में हो रहा है। 2016-17 के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के न तो खाते बने हैं और न ही कोई ऑडिट हुआ है। इस हेरफेर के चलते 31 मार्च, 2018 को दिल्ली जल बोर्ड का घाटा जो 26 हजार करोड़ रूपये था, 31 मार्च, 2023 को उसका अनुमान 70 हजार करोड़ का लगाया गया है। सी.ए.जी. ने लगभग 22 पत्र दिल्ली जल बोर्ड को खाते ऑडिट कराने के लिये लिखे हैं लेकिन केजरीवाल सरकार के कान में जूं तक नहीं रेगी।