सोशल संवाद / नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में आज के अपने धुंआधार भाषण में पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर के बीच अचानक संघर्ष विराम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम कराने के दावों पर गंभीर सवाल दागे।

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राज्यसभा में चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए की और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कांग्रेस द्वारा सेना के समर्थन में निकाली गई ‘जय हिंद’ यात्रा और कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव का भी जिक्र किया, जिसमें देश की एकजुटता पर जोर दिया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीरता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले के बाद विपक्ष द्वारा विशेष सत्र बुलाने की मांग वाले पत्र का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा। 24 अप्रैल को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे। वे सऊदी अरब से लौटते ही बिहार में रैली करने चले गए। खरगे ने कहा कि अगर पीएम मोदी में सुनने की क्षमता नहीं है तो वह कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हैं। उन्होंने हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री के पहलगाम दौरे रद्द होने पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को पहले से किसी हमले की आशंका थी? अगर ऐसा था तो आपने वहां पर्यटकों को क्यों जाने दिया?
खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार की धमकी देकर संघर्ष विराम कराने के दावों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए, लेकिन संघर्ष विराम की घोषणा किसने की और किस जगह से हुई? किन शर्तों पर संघर्ष विराम हुआ और पाकिस्तान के बैकफुट पर होने के बाद भी इसको क्यों स्वीकार किया गया? क्या अमेरिका ने इसमें दखल दिया? क्या व्यापार की धमकी के कारण यह सीजफायर किया गया? मोदी देश के सम्मान के खिलाफ ट्रंप के बयान पर क्यों चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि पांच जेट गिरे हैं। मोदी को इस बात का जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार की विदेश नीति की निंदा करते हुए कहा कि विपक्ष पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को लगातार समर्थन करने की निंदा करता हैं, उधर मोदी जी दावत में जाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गले लगा लेते हैं। मोदी सरकार की विफल विदेश नीति की पोल खोलते हुए उन्होंने हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे बड़े आयोजनों को इवेंट बाजी करार दिया। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के बावजूद भारत अपने रणनीतिक हितों को सुरक्षित नहीं रख पाया। बुरे वक्त में भारत के साथ कोई देश खड़ा नहीं हुआ।
खरगे ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी देश, यहां तक कि अमेरिका ने भी खुलकर और स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान की निंदा नहीं की। इतिहास में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में खाने पर बुलाया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक द्वारा पाकिस्तान को दी गई बड़ी आर्थिक सहायता के पैकेज पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि भारत ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?
कांग्रेस अध्यक्ष ने 2016 के उरी और पठानकोट, 2019 के पुलवामा और 2025 के पहलगाम हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी घटनाओं से साफ है कि बार-बार देश की सुरक्षा और खुफिया चूक हो रही है। उन्होंने गृह मंत्री को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी जवाबदेही तय करने तथा उनसे कुर्सी खाली करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री की गलती छिपाने और उन्हें बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर के एलजी ने पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक की बात कहकर इसकी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा शहीदों और सेना का अपमान करने को लेकर भी मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया।








