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किराड़ू मंदिर : इस रहस्यमयी मंदिर में जाते ही लोग हो जाते है पत्थर के

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सोशल संवाद / डेस्क (रिपोर्ट : तमिश्री )-भारत चमत्कारों और आस्था का देश है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई चमत्कारिक मंदिर, और रहस्यमय गुफाएं मिल जाएंगी। अब इसे आप चमत्कार कहें या अंधविश्‍वास, लेकिन एक शहर में एक ऐसा भी स्थान हैं, जहां जाकर लोग हमेशा-हमेशा के लिए पत्थर बन जाते हैं। 

राजस्थान के बाड़मेर से 30 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है किराड़ू। इस गांव में एक मंदिर है। गांव का नाम इस मंदिर के नाम पर ही पड़ा है। कहते हैं कि 11वीं शताब्दी में किराड़ू परमार वंश की राजधानी हुआ करता थी। लेकिन आज ये खंडरो से भरा है ।  इस जगह के नाम से ही दहशत फ़ैल जाती है ।  किवदंतियों में ऐसा उल्लेख है कि बाड़मेर का यह एतिहासिक मंदिर श्रापित है।

इस मंदिर का निर्माण किसने कराया । इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है ।  हालांकि मंदिर निर्माण को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं जरूर हैं ।

कहा जाता है कि इस मंदिर में एक समय ऐसी घटना घटी, जिसका खौफ आज भी लोगों में बना हुआ है ।  कहा जाता है कि कई साल पहले एक साधु अपने शिष्यों के साथ इस मंदिर में पहुंचे थे ।  एक दिन उन्होंने शिष्यों को मंदिर पर छोड़ दिया और खुद कहीं घूमने चले गए ।  इस दौरान एक शिष्य की तबीयत अचानक बिगड़ गई । साधु के अन्य शिष्यों ने गांव वालों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की ।  साधु को जब इसके बारे में जानकारी मिली तो वह भड़क गए और ग्रामीणों को श्राप दिया कि शाम होने के बाद सभी लोग पत्थर बन जाएं ।

लोक कथाओं के मुताबिक एक महिला ने साधु के शिष्यों की मदद की थी । इस बात से साधु प्रसन्न हुए और उस महिला से कहा था कि शाम होने से पहले वह गांव छोड़कर चली जाए और पीछे मुड़कर ना देखें।महिला जब जा रही थी तो कौतुहलवश पीछे मुड़कर देख लिया । जिसकी वजह से वह भी पत्थर की बन गई ।  मंदिर के पास ही उस महिला की मूर्ति आज भी स्थापित है । साधु इस शाप के कारण ही आस-पास के गांव के लोगों में दहशत फैल गई । जिसके चलते आज भी लोगों में यह मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में शाम को कदम रखेगा या रुकेगा, वह भी पत्थर का बन जाएगा । यही कारण है कि कोई भी शाम होने के बाद इस मंदिर में ठहरने की हिम्मत नहीं करता ।

लोगों का कहना है कि यहां मौजूद सभी पत्थर किसी जमाने में इंसान हुआ करते थे। शायद इसी डर से आज तक किसी ने कानूनी कायदों को चुनौती देने की जुर्रत नहीं की।  19 शताब्दी में यहां भूकंप आया था जिसकी वजह से इस मंदिर को बहुत नुकसान पहुंचा। कई सालों तक वीरान रहने के कारण इस मंदिर का रख-रखाव नहीं हो पाया था। किराड़ू में कुल 5 मंदिर हैं, जिनमें से आज सिर्फ विष्णु और सोमेश्वर का मंदिर ही सही हालत में हैं। पैरानॉर्मल सोसाइटी ऑफ इंडिया के मेम्बेर्स ने मंदिर की गैलेरी में घोस्ट मशीन यानी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड को मापने वाला एक उपकरण रखा। तो पाया कि यहां इंसानों के अलावा भी कोई दूसरी ताकत मौजूद है।  नकरात्मक ऊर्जा के बारे में आज तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। सभी पैमानों पर विशेषज्ञों ने माना है कि किराड़ू मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है और घूमने-फिरने के लिए पूरी तरीके से सुरक्षित है। पर आज भी रात में वहा जाने की अनुमति किसी को भी नहीं है ।

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