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जाने रक्षा बंधन की तिथि, शुभ मुहूर्त और भद्रा काल का इतिहास

By admin

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सोशल संवाद / डेस्क – आखिर राखी इस बार कब मनाई जायगी । इस चीज़ को लेकर लोगो में असमंजस है वो भी इतना की लोग परेशान हो चुके है। कुछ लोगो का कहना है की इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा, तो कोई कहता है की 30 को। आइये हम आपको बताते है की राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त कौन सा है।

सबसे पहले चलिए जानते है की इतनी असमंजस है क्यों । दरअसल इस बार 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा काल आरंभ हो जाएगा, जो रात 9:02 बजे तक रहेगा। यानी भद्रा काल करीब 10 घंटे तक लगा रहेगा। भद्रा का समय शुभ कामों के लिए सही नहीं रहता है।  भद्रा काल में राखी बंधना अशुभ माना जाता है। भद्रा काल में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नए व्यापार की शुरुआत, जनेऊ जैसे कोई शुभ काम नहीं किये जाते ।

पौराणिक कथाओ में भद्रा को सूर्य देव और छाया की पुत्री  बताया गया है।  कहा जाता है , भद्रा का स्वरूप बहुत डरावना था और वे शुभ कर्मों में बाधा डालती थीं, यज्ञों को नहीं होने देती थी। भद्रा के ऐसे स्वभाव से चिंतित होकर सूर्य देव ने ब्रह्मा जी से मार्गदर्शन मांगा था। उस समय ब्रह्मा जी ने भद्रा से कहा था कि अगर कोई व्यक्ति तुम्हारे काल यानी समय में कोई शुभ काम करता है तो तुम उसमें बाधा डाल सकती हो, लेकिन जो लोग तुम्हारा काल छोड़कर शुभ काम करते हैं, तुम्हारा सम्मान करते हैं, तुम उनके कामों में बाधा नहीं डालोगी।

इसी कथा की वजह से भद्रा काल में शुभ कर्म वर्जित माने गए हैं।  पौराणिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि, लंकापति रावण की बहन शूर्पणखा ने अपने भाई को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिस कारण ही रावण का सर्वनाश हो गया।  इसी मान्यता के आधार पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्राकाल में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है और भाई पर विपदा आती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पावन पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त 2023 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगी और पूर्णिमा तिथि का समापन अगले दिन यानि 31 अगस्त 2023 को सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा।  30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की भी शुरुआत हो जाएगी जोकि 30 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। भद्रा के रहते 30 अगस्त 2023 को पूरे दिन राखी नहीं बांधी जा सकती है। ऐसे में 30 अगस्त को रात के समय जब भद्रा की समाप्ति हो तो उसके बाद राखी बांधी जा सकती है। लेकिन  रात्रि में राखी नहीं बांधने की सलाह कुछ विद्वान नहीं देते हैं। ऐसे में 31 अगस्त दिन गुरुवार की सुबह सूर्योदय काल से 07 बजकर 05 मिनट से पहले राखी बांधने का शुभ समय है।

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