सोशल संवाद/डेस्क: फल किसको नहीं पसंद है. फल का सेवन करने से हमारी सेहत को काफी फायदे मिलते है दिन में एक से दो बार सीजनल फल जरूर खाना चाहिए. कई लोग शाम के समय फल न खाने की सलाह देते है और कुछ लोग खाना खाने के बाद फल खाने से मना करता है. आज हम आपको बताएँगे कि फल कितनी क्वांटिटी में,कितने बजे खाए और सही तरीके से खाने के बारे में पता होना चाहिए.
खाली पेट न खाएं ये फल
– केला
– नाशपाती
– संतरा
– मौसंबी
– आम
– अंगूर
– लीची
वेट लॉस के दौरान
फलों में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जिसे खाने के बाद लंबे समय तक पेट भरा हुआ रहता है. इसलिए वेट लॉस के दौरान दोपहर 11 से 12 बजे के बीच फलों को खाने की सलाह दी जाती है. 12 बजे फल खाने से पेट भरा हुआ महसूस होगा जिस वजह से लंच में कम कैलोरी खाई जा सकती हैं. इसके अलावा फल मीठे होते हैं जिस वजह से उनमें अधिक कैलोरी होती है. खाने के तुरंत बाद फल खाने से शरीर में एक्स्ट्रा कैलोरी इंटेक हो सकता है इसलिए खाने के बाद फल न खाने की सलाह दी जाती है.
गर्भावस्था में फल
गर्भावस्था में फल खाना बेहद जरूरी होता है. वैसे तो गर्भावस्था में फल कभी भी खाए जा सकते हैं लेकिन खाने के पहले फल खाने से गैस की समस्या हो सकती है. इसलिए गर्भावस्था में ब्रेकफास्ट के बाद फलों का सेवन करना चाहिए. गर्भावस्था में डायबिटीज होने का खतरा भी अधिक होता है इसलिए कैलोरी पर नियंत्रण करना जरूरी है.