सोशल संवाद / डेस्क : स्मार्टफोन खरीदते समय हम अक्सर कैमरा, बैटरी और प्रोसेसर चेक करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके फोन में एक की जगह दो या कभी-कभी तीन माइक्रोफोन क्यों होते हैं? ज़्यादातर लोगों को लगता है कि एक माइक्रोफोन ही काफी है, लेकिन असल में इसका जवाब बहुत ही रोचक और तकनीकी है।
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इसका कारण है नॉइज़ कैंसलेशन। एक माइक्रोफोन आपकी आवाज़ रिकॉर्ड करता है, जबकि दूसरा बैकग्राउंड नॉइज़ को पिक करता है। फिर फोन का प्रोसेसर अनचाहे नॉइज़ को हटा देता है, ताकि कॉल के दौरान दूसरा व्यक्ति आपकी आवाज़ को साफ़ सुन सके। यह स्मार्ट तकनीक साउंड क्वालिटी को बेहतर बनाने में मदद करती है और आपको बेहतर कॉलिंग एक्सपीरियंस देती है।
ये माइक्रोफोन कहाँ होते हैं?
आमतौर पर एक माइक्रोफोन फोन के निचले हिस्से में रखा जाता है जहाँ आप बात करते हैं। दूसरा माइक्रोफोन ऊपर या कैमरे के पास रखा जाता है ताकि यह बैकग्राउंड नॉइज़ को कैप्चर कर सके। कुछ प्रीमियम स्मार्टफोन में तो तीन माइक्रोफोन भी होते हैं, जो न सिर्फ़ कॉल में बेहतरीन साउंड क्वालिटी देते हैं बल्कि वीडियो रिकॉर्डिंग में 3D ऑडियो इफ़ेक्ट भी देते हैं।
इसके क्या फ़ायदे हैं?
- कॉल के दौरान आवाज़ साफ़ होती है
- वीडियो रिकॉर्डिंग में ऑडियो बेहतर होता है
- वॉयस असिस्टेंट (जैसे कि Google Assistant या Siri) आपकी आवाज़ को बेहतर तरीके से समझते हैं।
- शोर रद्दीकरण से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी बात करना आसान हो जाता है।
अब जब भी आप अपने फोन में दूसरा माइक्रोफोन देखें, तो समझ लें कि यह कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं है, बल्कि आपकी आवाज़ को स्पष्ट और पेशेवर बनाने का एक स्मार्ट तरीका है