सोशल संवाद /डेस्क : कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय ने ट्रेनी डॉक्टर की मौत को लेकर नया दावा किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उसने पॉलीग्राफ टेस्ट में CBI को बताया कि 8 अगस्त की रात वह गलती से सेमिनार रूम में घुसा था।
आरोपी के अनुसार, एक मरीज की हालत खराब थी। उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसलिए वो डॉक्टर को ढूंढ रहा था। इसी दौरान थर्ड फ्लोर पर सेमिनार रूम में गया। वहां ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी पड़ी थी। उसने शरीर को हिलाया, लेकिन कोई मूवमेंट नहीं हुआ। इससे वह घबरा गया और बाहर भागा।
इस दौरान किसी चीज से टकराकर वह लड़खड़ाया और उसका ब्लूटूथ डिवाइस गिर गया। आरोपी ने दावा किया कि वह ट्रेनी डॉक्टर को पहले से नहीं जानता था। उसने बताया कि घटना के दिन अस्पताल के गेट पर कोई सिक्योरिटी नहीं थी और न किसी ने उसे रोका।
CBI ने अब तक 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की बॉडी मिली थी। इसके बाद देशभर के डॉक्टर सड़क पर उतर आए थे। सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल कैंसिल कर दी। हालांकि बंगाल में प्रदर्शन जारी है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर CBI मामले की जांच कर रही है। एजेंसी ने 29 अगस्त को अस्पताल के दो सिक्योरिटी गार्ड्स का पॉलीग्राफ टेस्ट (लाई डिटेक्टर टेस्ट) किया था। दोनों गार्ड्स उस रात अस्पताल के मेन गेट पर तैनात थे। संजय अपनी बाइक से आया और गाड़ी पार्क करके थर्ड फ्लोर पर गया था।
CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए। संजय सहित अब तक कुल 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ है। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और दो गार्ड्स शामिल हैं।
अधीर रंजन का दावा- रेप पीड़ित का परिवार नजरबंद
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ित के माता-पिता के नजरबंद होने का दावा किया। अधीर ने शनिवार (31 अगस्त) को कहा कि उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार से मुलाकात की है। पुलिस ने उन्हें नजरबंद करके रखा है। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। चारों ओर मोर्चाबंदी कर दी गई है। CISF को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।