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पटना, लेह और फिरोजाबाद में क्रांतितीर्थ समारोह का किया गया आयोजन

By admin

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सोशल संवाद/डेस्क : स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से देश भर में आयोजित किए जा रहे क्रान्तितीर्थ समारोह की कड़ी में रविवार को बिहार की राजधानी पटना, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह और उत्तर प्रदेश स्थित बलिदानों की नगरी फिरोजाबाद में क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन किया गया I

बिहार की राजधानी पटना स्थित चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय क्रांतितीर्थ कार्यक्रम के समापन समारोह का उद्घाटन पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने किया I अपने उद्बोधन में पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने बिहार के क्रांतिकारियों के योगदान को नमन करते हुए उनकी भूमिका के महत्व को सामने रखा। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर ने अनाम क्रांतिकारियों को नमन करते हुए उनकी भूमिका को देश की युवा शक्ति के सामने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान के निदेशक राणा सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख केंद्र बिहार की भूमिका के बारे में बताया, जबकि वरिष्ठ कलाकार एवं पद्मश्री श्याम शर्मा ने भारत की अस्मिता को बचाने के लिए अपना बलिदान देने वाले अनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानने पर बल दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद ने संस्कारों पर बल देते हुए नैतिक मूल्यों की जरूरत पर ध्यान देने पर जोर दिया I

पटना में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत समिति के अध्यक्ष व पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ चित्रकार श्याम शर्मा, आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध लोक गायक भरत शर्मा व्यास, इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल एंड कल्चरल स्टडीज (कोलकाता) के निदेशक अरिंदम मुखर्जी, चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कुमोद कुमार उपस्थित रहे।

उधर बलिदानों की नगरी फिरोजाबाद स्थित एफ. एम. वाटिका (राजा का ताल) में आयोजित कार्यक्रम में क्रांतिवीरों को नमन करते हुए उनका और उनके परिवार जनों का सम्मान किया गया I सम्मान के दौरान गुमनाम क्रांतिवीरों एवं उनके परिवार के सदस्यों पर पुष्प वर्षा की गई। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि क्रांतितीर्थ कार्यक्रमों की एक शृंखला मात्र नहीं है, अपितु यह एक अभियान है उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने का, जिन्होंने अनेक कष्ट सहे, अपना जीवन, अपना सर्वस्व देश की स्वतंत्रता के लिए, स्वराज की, स्वधर्म की भावना के लिए समर्पित कर दिया I फिर भी वे इतिहास के पृष्ठों में अनाम या अल्पज्ञात रह गए।

जानकारी हो कि अंग्रेजों की गुलामी से भारत को मुक्त कराने के लिए हजारों ऐसे वीर क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी, जिनकी वीर गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला I स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को क्रान्ति तीर्थ समारोह के माध्यम से आम जनता के सामने लाने का बीड़ा उठाया है-केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) नेI इसमें संस्कार भारती अहम सहयोगी की भूमिका निभा रहा है I ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर क्रान्तितीर्थ श्रृंखला का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है I

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