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क्या दूसरी बार टूटेगा लालू परिवार: परिवार में क्यों नही रुक रहा टकराव?

By Aditi Pandey

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Lalu Family Dispute

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सोशल संवाद/डेस्क/Lalu Family Dispute: बिहार की जनता की लड़ाई अकेले नहीं लड़ रहा, आज पूरा बिहार साथ खड़ा है। बिहार अधिकार यात्रा के दौरान 19 सितंबर को RJD लीडर तेजस्वी यादव ने एक्स अकाउंट पर ये लाइन लिखी। तेजस्वी सहरसा में पूरे बिहार के साथ होने का दावा कर रहे थे, लेकिन उसी वक्त वे घर में अकेले पड़ रहे थे।

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बहन रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी के करीबी संजय यादव को घेरा। इसके बाद पार्टी से बाहर चल रहे बड़े भाई तेजप्रताप रोहिणी के सपोर्ट में आ गए। तेजप्रताप, तेजस्वी की विधानसभा सीट राघोपुर में बाढ़ पीड़ितों को मदद बांट रहे थे, तेजस्वी को फेल बता रहे थे, तब रोहिणी उनकी तारीफ कर रही थीं। लालू यादव ने 25 मई, 2025 को तेजप्रताप को पार्टी से बाहर कर दिया था। तो क्या अगला नंबर रोहिणी आचार्य का है, क्या बिहार की सियासत में सबसे ताकतवर लालू परिवार फिर से टूटने वाला है।

Lalu Family Dispute पार्टी में पूरी ताकत मिलने के बाद तेजस्वी का पहला चुनाव

 तेजस्वी यादव जहानाबाद से वैशाली तक बिहार अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। ताजा विवाद उनके सबसे भरोसेमंद सलाहकार संजय यादव की एक फोटो से भड़का। इसमें संजय यादव तेजस्वी की बस में फ्रंट सीट पर बैठे दिख रहे हैं। इसी से रोहिणी का गुस्सा भड़क गया।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता-नेतृत्वकर्ता के लिए होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए। वैसे अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है।’

संजय यादव पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के रणनीतिकार थे। तब RJD 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन तेजस्वी मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। इस बार भी संजय यादव तेजस्वी यादव के साथ साये की तरह दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव तक पहुंचने का रास्ता संजय यादव से होकर जाता है।

तेजस्वी यादव को RJD की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालू प्रसाद यादव के बराबर अधिकार दिए जा चुके हैं। इसके बाद यह उनका पहला विधानसभा चुनाव है। एक्सपर्ट मानते हैं कि तेजस्वी के करीबी होने की वजह से पार्टी में संजय यादव के विरोध का कोई मतलब नहीं रह जाता।

Lalu Family Dispute लालू परिवार में संजय यादव का विरोध, तेजप्रताप से रोहिणी तक 

लालू परिवार के अंदर संजय यादव का विरोध पहली बार नहीं है। इसकी शुरुआत 2021 में ही हो गई थी। शुरुआत तेजप्रताप ने की। वे राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मिलने राबड़ी देवी के घर गए थे। बाहर निकलकर बोले कि संजय यादव ने मुझे तेजस्वी यादव से बात नहीं करने दी और उन्हें लेकर अंदर चले गए।

तेजप्रताप इसके बाद कोई नाम लेने की बजाय ‘जयचंद’ बोलने लगे। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने संजय यादव को राज्यसभा भेज दिया। अब संजय यादव ही पार्टी का पक्ष रख रहे हैं। तेजस्वी यादव के बाद संजय यादव RJD में सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं।

बस की फ्रंट सीट पर संजय यादव की फोटो के जरिए रोहिणी का गुस्सा सामने आ गया। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग इस सीट पर लालू जी और तेजस्वी यादव को बैठते देखने के अभ्यस्त हैं। उनकी जगह पर कोई और बैठे, ये हमें तो कतई मंजूर नहीं है। ठकुरसुहाती करने वालों, जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार- तारणहार नजर आता है, की बात अलग है।

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