सोशल संवाद/ डेस्क: वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 जुलाई को सावन माह का पहला सोमवार है। यह दिन देवों के देव महादेव को पूर्णतया समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त जन अपने आराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इसके बाद विधि-विधान से देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त सावन सोमवारी का व्रत रखते हैं।
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सावन का महीना शिव भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन में कई बेहद शुभ और दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं। इन विशेष योगों में यदि भक्त सच्चे मन से शिव साधना, मंत्र-जप और योगाभ्यास करें, तो उन्हें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों ही स्तरों पर अत्यंत लाभ प्राप्त हो सकता है, यहां हम आपको सावन में बन रहे खास ज्योतिष योगों और उनसे जुड़े लाभकारी उपायों की जानकारी दे रहे हैं:-
इस सावन में त्रिपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे अत्यंत शुभ संयोग बन रहे हैं. ये योग विशेष कार्यों, पूजा-पाठ और संकल्प के लिए उत्तम माने जाते हैं।
क्या करें
महामृत्युंजय मंत्र या “ओम नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें
इन दिनों में किया गया जाप विशेष फलदायी होता है और जीवन की रुकावटें दूर होती हैं। सावन की गुरु पूर्णिमा, श्रावण पूर्णिमा और प्रदोष व्रत का अत्यंत धार्मिक महत्व होता है. इन तिथियों पर उपवास, शिव चालीसा का पाठ और रुद्राभिषेक करने से पापों का क्षय होता है.
उपाय: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, साफ वस्त्र धारण कर शिव ध्यान करें।
हर सोमवार शिव जी को समर्पित व्रत रखें और पंचामृत से अभिषेक करें.
मंत्र: “ओम नमः शिवाय”
योगासन: व्रत के दौरान वज्रासन या पद्मासन में बैठकर मंत्र जाप करें। इससे मन की एकाग्रता बढ़ती है और आत्मिक शुद्धि होती है.
इन नक्षत्रों में की गई शिव पूजा विशेष रूप से तांत्रिक दोष, ग्रह बाधा और मानसिक अशांति को दूर करती है.
मंत्र योग: “ओम रुद्राय नमः” का जाप करें.
विशेष दिन: जब चंद्रमा आश्लेषा, मघा या श्रवण नक्षत्र में हो, उस दिन रात्रि ध्यान विशेष फल देता है.
सावन महीने की शुरुआत शुक्रवार 11 जुलाई से हो रही है। वहीं, सावन महीने का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। वहीं, दूसरा सोमवार 21 जुलाई और तीसरा सोमवार 28 जुलाई को है। जबकि, सावन महीने का अंतिम सोमवार का व्रत 04 अगस्त को रखा जाएगा। सावन पूर्णिमा 09 अगस्त को है। इस दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व राखी मनाया जाएगा।