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महाराष्ट्र इंजीनियरिंग एडमिशन में आधी सीटें खाली, एआई-डेटा साइंस की डिमांड टॉप पर

By Aditi Pandey

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Maharashtra Engineering Seats Vacant

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सोशल संवाद/डेस्क/Maharashtra Engineering Seats Vacant: महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग एडमिशन प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल ने चौथे और अंतिम सीएपी राउंड की मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। इस बार रिकॉर्ड पंजीकरण के बावजूद लगभग आधी सीटें खाली रह गई हैं।

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राज्य भर में इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए कुल 1.83 लाख सीटें उपलब्ध थीं, जबकि 2.14 लाख छात्रों ने आवेदन किया था। इसके बावजूद तीन राउंड पूरे होने के बाद केवल 95,253 उम्मीदवारों ने ही दाखिला कंफर्म किया और 88,507 सीटें अब भी खाली पड़ी हैं। यह स्थिति साफ तौर पर छात्रों की पसंद और करियर प्रेफरेंस में आए बदलाव को दर्शाती है।

इस वर्ष टेक्नोलॉजी और नए जमाने के करियर-ओरिएंटेड कोर्सेज की डिमांड सबसे ज्यादा देखी गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस, एआई और मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी और रोबोटिक्स जैसे विषयों में अधिकांश सीटें लगभग पूरी तरह भर चुकी हैं। कंप्यूटर इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और आईटी जैसे पारंपरिक लेकिन अब भी तकनीकी रूप से प्रासंगिक विषयों में भी 60 फीसदी से अधिक सीटें पहले ही भर चुकी हैं।

इसके उलट मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जैसी पारंपरिक शाखाओं को अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। उदाहरण के तौर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग की 20,873 सीटों में से केवल 9,762 ही भरी गईं। सिविल इंजीनियरिंग में 15,211 सीटों में से 7,811 छात्रों ने दाखिला लिया, जबकि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की 11,879 सीटों में से केवल 5,654 छात्रों ने ही एडमिशन पक्का किया।

ये आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बदलते रोजगार बाजार और इंडस्ट्री ट्रेंड्स छात्रों के निर्णयों पर सीधा असर डाल रहे हैं। आज की पीढ़ी एआई, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे भविष्य-सुरक्षित क्षेत्रों में अपना करियर देख रही है, वहीं पारंपरिक इंजीनियरिंग विषय अब उनके लिए उतने आकर्षक नहीं रह गए हैं।

अंतिम राउंड में सीट सुरक्षित करने वाले छात्रों को 2 से 4 सितंबर के बीच एडमिशन कंफर्म करना होगा। इसके बाद जो सीटें बचेंगी, उन्हें संस्थान स्तर पर स्पॉट एडमिशन के जरिए भरा जाएगा।

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