---Advertisement---

ममता बोलीं- विक्टिम के पेरेंट्स को पैसे ऑफर नहीं किए:कहा था- बेटी की याद में अगर कुछ करना हो तो सरकार आपके साथ है

By Tamishree Mukherjee

Published :

Follow

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद /डेस्क : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि हमने मृतक ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता को कभी पैसा ऑफर नहीं किया। हमने सिर्फ उन्हें ये कहा था कि अगर वे अपनी बेटी की याद में कुछ करवाना चाहते हैं, तो हमारी सरकार उनके साथ है।

स्टेट सेक्रेट्रिएट नबन्ना में रिव्यू मीटिंग के दौरान ममता ने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शनों के चलते कोलकाता के कमिश्नर विनीत गोयल ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन हमें कोई चाहिए जो दुर्गा पूजा को लेकर कानून-व्यवस्था संभालना जानता हो।

दरअसल, रेप विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कोलकाता पुलिस पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बेटी का शव सौंपते वक्त उन्हें पैसा ऑफर किया था और कहा था कि हमने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है। वहीं, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग की थी।

ट्रेनी डॉक्टर के पिता का कोलकाता पुलिस पर 3 आरोप

1. पुलिस शुरुआत से ही इस केस को दबाने की कोशिश कर रही है। डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने तक हमें पुलिस स्टेशन में इंतजार करना पड़ा। बाद में, जब बेटी का शव हमें सौंपा गया तो एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की पेशकश की।

2. जब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ, 300-400 पुलिस वालों ने हमें घेर रखा था, लेकिन अंतिम संस्कार हो जाने के बाद वहां एक भी पुलिस वाला नहीं दिखा। परिवार क्या करेगा, कैसे घर जाएगा, पुलिस ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली।

3. जब घर में बेटी का शव माता-पिता के सामने पड़ा था और हम आंसू बहा रहे थे, तब पुलिस पैसे दे रही थी, क्या यही पुलिस की मानवता है? पुलिस कह रही थी कि उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारियाँ पूरी कर दी हैं, क्या इसे ही जिम्मेदारी निभाना कहते हैं?

ममता बोलीं- हम CISF की पूरी मदद कर रहे

रिव्यू मीटिंग के दौरान ममता ने CISF की मदद न करने के केंद्र के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि हम CISF की सभी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। हम पर आरोप लगाना केंद्र की भाजपा सरकार और लेफ्ट पार्टियों की साजिश है। हम आपको कुछ भी करने से नहीं रोक रहे हैं।

दरअसल 3 सितंबर को केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका लगाई थी। केंद्र का कहना था कि बंगाल सरकार आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात CISF जवानों को परिवहन और आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है।

इसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव को आदेश दिया कि सभी जवानों को रहने के लिए घर मुहैया कराया जाए। ये जवान अस्पताल की सुरक्षा के लिए आए हैं। उनको अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण भी दिए जाएं।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---