सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि मानगो के कचरा निस्तारण का एक ही रास्ता है कि जिस तरह जेएनएसी का कचरा टाटा स्टील के बारा कॉम्प्लेक्स में गिराया जा रहा है, उसी प्रकार मानगो नगर निगम का कचरा भी बारा कॉम्प्लेक्स में गिरे.
यहां जारी एक बयान में राय ने कहा कि टाटा स्टील की सहमति से सोनारी मरीन ड्राइव किनारे जेएनएसी और मानगो का कचरा काफ़ी समय से गिराया जा रहा था. इसके पहले दोनों जगहों का कचरा बारा कॉम्प्लेक्स में गिराया जा रहा था. मरीन ड्राइव किनारे टाटा लीज की जिस ज़मीन पर कचरा गिराया जा रहा था, उसकी घेराबंदी करने के लिए ज़िला प्रशासन ने टाटा स्टील से अनापत्ति मांगा. काफ़ी दिनों तक टाटा स्टील ने एनओसी नहीं दिया. बाद में 23.02.2023 को इन्होंने एनओसी दे दिया. इसके बाद भी प्रशासन ने इस भूखंड की घेराबंदी नहीं किया. यह विवरण एनजीटी के समक्ष उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम द्वारा दायर शपथ पत्र में है.
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बयान में सरयू राय ने कहा कि यह भूखंड कचरा जमा करने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं था. यह स्थान नदी से 100 मीटर की कम दूरी पर और आबादी से 200 मीटर की कम दूरी पर था. इसे भी ज़िला प्रशासन ने एनजीटी के समक्ष दिए शपथ पत्र में स्वीकार किया है. फिर भी टाटा स्टील और ज़िला प्रशासन की सहमति से यहां जेएनएसी और मानगो का कचरा जमा हो रहा था. जब इस भूखंड पर कचरा का पहाड़ खड़ा हो गया, आग लग गई तो सोनारी के एक वरिष्ठ नागरिक के. एस. उपाध्याय एनजीटी गए. एनजीटी के समक्ष उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम ने 23.02.2023 को शपथ पत्र दिया और बताया कि टाटा स्टील के सहयोग से पोटका तहसील के बेगुनडीह में 14.95 एकड़ ज़मीन चिन्हित हो गई है जहां कचरा का निस्तारण होगा.
इन्होंने शपथ पत्र में यह भी बताया कि सोनारी की ज़मीन को कचरा मुक्त एवं आग से मुक्त करने के लिए 4 करोड़ रू. के खर्च पर एक एजेंसी बहाल हो गई है. आदित्यपुर नगर निगम को मानगो, जुगसलाई, कपाली, जेएनएसी के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है और सभी की कचरा निस्तारण आदित्यपुर के साथ ही होगा.
बयान में राय ने कहा है कि उक्त शपथ पत्र में विस्तार से बताया गया कि सोनारी कचरा डंपिंग स्थल पर लगी आग को बुझाने के लिए पर्याप्त प्रयास किया गया. दो टैंकर लगाए गए. दो सुरक्षा गार्ड बहाल किए गए हैं. कचरा निष्पादन के लिए 4 करोड़ रू. के खर्च पर एक एजेंसी बहाल की गई है. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शपथ पत्र पर विचार करने के बाद एनजीटी ने उपाध्याय के आवेदन पर दिनांक 05 अप्रैल 2023 के अपने निर्णय में उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को निर्देश दिया कि सोनारी डंपिंग स्थल को कचरा मुक्त किया जाय और यहां लगी आग को बुझाया जाए. इसके लिए एनजीटी ने 31 दिसंबर 2024 तक का समय दिया था. जब इस बारे में कोई प्रगति नहीं हुई तो उन्होंने (राय ने) समस्या के समाधान के लिए मामला पुनः एनजीटी के संज्ञान में लाया.
इस पर एनजीटी ने 11 दिसंबर 2024 को उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम को निर्देश दिया कि सोनारी डंपिंग स्थल पर लगी आग को बुझाया जाय और डंपिंग एवं आग के कारण पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के लिए उपाय किया जाए. एनजीटी के इस निर्देश के बाद जेएनएसी का कचरा टाटा स्टील के बारा कॉम्प्लेक्स में गिराया जाने लगा ओर मानगो का कचरा कहां जाएगा, इस पर निर्णय नहीं हुआ. यही वजह है कि आज की तारीख में मानगो में जगह-जगह कचरा का अंबार लग गया है.
राय ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि के. एस. उपाध्याय के मुकदमे में 05 अप्रैल 2023 को एनजीटी द्वारा सोनारी कचरा डंपिंग स्थल को कचरा मुक्त करने और आग बुझाने के स्पष्ट निर्देश के बाद भी लगभग डेढ़ साल तक जिला प्रशासन सोया रहा. न कचरा हटाया और न ही आग बुझाया, परंतु 11 दिसंबर 2024 के निर्णय में एनजीटी ने जब कचरा डम्प में लगी आग बुझाने का निर्देश दिया और कहा कि इसके प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त किया जाए तो ज़िला प्रशासन ने जेएनएसी का कचरा बारा कॉम्प्लेक्स में गिराने पर टाटा स्टील को सहमत कर लिया और मानगो का कचरा वहां गिराने से मना कर दिया. कोई विकल्प भी नहीं दिया. इस कारण मानगो का कचरा निस्तारण एक गंभीर समस्या बन गया है.