सोशल संवाद / जमशेदपुर : सोमवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। देशभर में सुहागिन स्त्रियों ने सोलह श्रृंगार कर पति की लंबी आयु की कामना के साथ वट वृक्ष की पूजा की। मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वट सावित्री व्रत में कुछ स्थानों पर वट पूजा के बाद सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे को पूजन में प्रयोग होने वाले पंखे से खोइछा भी देती हैं व सिंदूर का दान करती हैं। इसके बाद महिलाएं अपने बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं। वट सावित्री व्रत सुख-समृद्धि व अखंड सौभाग्य का प्रतीक है।
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हिंदू धर्म में प्रेम, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक वट सावित्री व्रत का पर्व बहुत पवित्र माना गया है। इस दिन महिलाओं ने पूरी श्रद्धा व सच्ची आस्था के साथ वट सावित्री की पूजा की। सुहागिन महिलाओं ने पहले बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा की फिर वट वृक्ष में कच्चे सूत को लपेटकर परिक्रमा की। इसके बाद पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की। वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला। महिलाओं ने एकत्रित होकर पूरे विधि-विधान से बरगद के पेड़ की पूजा की और सत्यवान और सावित्री की कथा का पाठ भी किया। इसके बाद घर आकर सुहागिन व्रती महिलाएं अपने पति का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण किया।