सोशल संवाद/डेस्क : साउथ सिनेमा ने पिछले कुछ सालों में माइथोलॉजिकल और सुपरहीरो बेस्ड फिल्मों से एक नई पहचान बनाई है। ‘कार्तिकेय 2’, ‘कांतारा’, ‘हनु मान’ और ‘कल्कि’ जैसी फिल्मों ने दर्शकों को दिखाया कि इंडियन माइथोलॉजी और एडवेंचर को किस तरह रोमांचक ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है। अब इसी कड़ी में निर्देशक कार्तिक गट्टामनेनी लेकर आए हैं ‘Mirai’, जो आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।
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कहानी क्या है
फिल्म की कहानी नौ रहस्यमयी ग्रंथों से शुरू होती है, जिन्हें सम्राट अशोक ने समय-समय पर योद्धाओं को सौंपा था। कहा जाता है कि इन ग्रंथों की ताकत इंसान को देवता में बदल सकती है। बेरहम और तंत्र विद्या का जानकार महाबीर लामा (मांचू मनोज) इन ग्रंथों को एक-एक करके हासिल कर रहा है। उसका लक्ष्य है नौवां ग्रंथ, जो उसके पास आते ही उसे अजेय बना देगा।
महाबीर की इस महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए योद्धा अंबिका (श्रिया सरन) अपने बेटे वेधा (तेजा सज्जा) को जन्म देती हैं और उसे मंदिर में छोड़ देती हैं, जहां एक अघोरी उसकी परवरिश करता है। समय गुजरने के बाद वेधा बड़ा होकर चोर बनता है। उसकी जिंदगी तब बदलती है जब योद्धाओं की शिष्या विभा (रितिका नायक) उसे ढूंढने आती है। इसके बाद वेधा को अपनी असली पहचान और ‘मिराय’ तक की यात्रा पर निकलना पड़ता है। फिल्म में यह रहस्य भी खुलता है कि महाबीर और वेधा के बीच क्या गहरा संबंध है।
अभिनय
तेजा सज्जा का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा उतरता है। उनके एक्शन सीन दमदार हैं और कई जगह दर्शकों को ‘हनु मान’ की झलक भी मिलती है। हालांकि, मांचू मनोज खलनायक के रूप में कुछ कमजोर नजर आते हैं। फिल्मभर उनका एक्सप्रेशन लगभग एक जैसा रहता है। दिलचस्प बात यह है कि उनके बचपन का रोल करने वाले कलाकार ने उनसे ज्यादा प्रभाव छोड़ा है।
रितिका नायक अपनी मासूमियत और ताजगी से स्क्रीन पर जान डालती हैं। दिल्ली की रहने वाली यह नई एक्ट्रेस साउथ सिनेमा के दर्शकों पर असर छोड़ सकती हैं। श्रेया सरन फिल्म की आत्मा हैं—उनका किरदार छोटा जरूर है लेकिन गहराई से भरा हुआ है। जगपति बाबू और अन्य सह कलाकारों ने भी अपनी भूमिका अच्छे से निभाई है।
निर्देशन और तकनीकी पहलू
कार्तिक गट्टामनेनी का निर्देशन फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने विजुअल्स और वीएफएक्स का संतुलन बनाए रखा है। कहानी को उन्होंने इस तरह आगे बढ़ाया कि दर्शक कहीं भी बोर न हों। हालांकि यह साफ है कि फिल्म का हीरो आखिरकार जीत ही जाएगा, फिर भी रोमांच बरकरार रहता है।
कार्तिक ने इस फिल्म से एक नया सिनेमैटिक यूनिवर्स तैयार किया है। खबर है कि इसके अगले भाग में राणा दग्गुबाती बतौर विलेन नजर आएंगे। इससे साफ है कि मेकर्स ‘मिराय’ को एक फ्रेंचाइजी के रूप में आगे बढ़ाना चाहते हैं।
खूबियां जो इसमें देखि जा सकती है
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी कहानी और उसका प्रेजेंटेशन। एक्शन सीक्वेंस शानदार हैं और हर किरदार की बैकस्टोरी को जगह दी गई है, जिससे दर्शक उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। विजुअल इफेक्ट्स भी अच्छे हैं और सिनेमैटोग्राफी कई जगह प्रभावित करती है।
कमजोरियां
कुछ जगहों पर जबरदस्ती डाली गई कॉमेडी खटकती है। हीरो की एंट्री जैसी ‘मास मूमेंट’ साउथ फिल्मों की पहचान मानी जाती है, लेकिन यहां थोड़ी कमजोर पड़ती है। इसके अलावा क्लाइमेक्स अचानक खत्म कर दिया गया है, जिससे दर्शकों को थोड़ा अधूरा अनुभव हो सकता है।
नतीजा
अगर आपने ‘हनु मान’ या ‘लोका’ जैसी फिल्में पसंद की हैं तो ‘मिराय’ भी आपको जरूर पसंद आएगी। यह फिल्म आपको बोर नहीं करेगी और फैंटेसी, एक्शन और माइथोलॉजी का अनोखा मिश्रण पेश करती है। 3.5/5 की रेटिंग के साथ कहा जा सकता है कि यह फिल्म थिएटर में एक बार जरूर देखी जा सकती है। और हां, पोस्ट-क्रेडिट सीन तक बैठना मत भूलिएगा, क्योंकि वहीं से इसके अगले भाग की झलक मिलती है।








