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एमपी वोटर लिस्ट डाउनलोड SIR : जानिए कैसे चेक करें अपना नाम मतदाता सूची में, स्टेप बाय स्टेप पूरी प्रक्रिया

By Muskan Thakur

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एमपी वोटर लिस्ट डाउनलोड SIR

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सोशल संवाद/डेस्क : मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस अभियान के तहत पूरे राज्य में बीएलओ (Booth Level Officer) घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी अपडेट कर रहे हैं। इसमें मृत व्यक्तियों के नाम हटाए जा रहे हैं, वहीं नए मतदाताओं के नाम जोड़े जा रहे हैं। जो लोग यह जानना चाहते हैं कि उनका नाम मतदाता सूची (Voter List) में शामिल है या नहीं, उनके लिए यह जानकारी बेहद उपयोगी है।

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क्या है SIR प्रक्रिया

SIR यानी Special Intensive Revision दरअसल चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है, जिसके जरिए हर साल वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाता है। मध्य प्रदेश में इस बार यह प्रक्रिया नवंबर 2025 में शुरू हुई है। बीएलओ मतदाताओं के घर जाकर उनकी पहचान की पुष्टि कर रहे हैं, मृत मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं और गलत जानकारी को सुधारा जा रहा है। फिलहाल, मतदाता सूची को “फ्रीज” कर दिया गया है, यानी इसमें अभी नए नाम जोड़े नहीं जा सकते जब तक पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी नहीं होती।

वोटर लिस्ट में नाम कैसे चेक करें

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपका नाम पुरानी वोटर लिस्ट में मौजूद है या नहीं, तो इसे ऑनलाइन बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। इसके लिए आपको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाना होगा।
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया नीचे दी गई है:

  1. सबसे पहले https://voters.eci.gov.in/ वेबसाइट पर जाएं।
  2. होमपेज पर SIR-2026 का एक कॉलम दिखाई देगा।
  3. उस पर क्लिक करने के बाद नया विंडो खुलेगा।
  4. यहां सबसे पहले अपना राज्य (State) चुनें।
  5. फिर जिले (District) का नाम भरें।
  6. उसके बाद विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) का नाम सेलेक्ट करें।
  7. अब कैप्चा कोड डालें और “Download” बटन पर क्लिक करें।
  8. आपकी वोटर लिस्ट डाउनलोड हो जाएगी, जिससे आप यह जांच सकते हैं कि आपका नाम पहले से मौजूद है या नहीं।

किन्हें दिखाने होंगे दस्तावेज

बीएलओ के घर आने पर सभी को अपने दस्तावेज दिखाने जरूरी नहीं हैं।

  • जिन लोगों के नाम 1 जनवरी 2003 से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ चुके हैं, उन्हें सिर्फ पहचान की पुष्टि करनी होगी।
  • जबकि 1 जनवरी 2003 के बाद जिनके नाम जोड़े गए हैं, उन्हें अपने पहचान पत्र, जन्म तिथि और पते से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे।
  • वहीं, 1987 के बाद जन्मे भारतीय नागरिकों को अपनी भारतीय नागरिकता का सबूत देना आवश्यक होगा।

बीएलओ की भूमिका

बीएलओ इस पूरी प्रक्रिया के सबसे अहम हिस्से हैं। वे हर घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जांचते हैं और जरूरी सुधार दर्ज करते हैं। मृत व्यक्तियों के नाम हटाने, नए पात्र मतदाताओं को जोड़ने और पते बदलने जैसी सूचनाएं बीएलओ द्वारा ही संकलित की जाती हैं। मतदाता सूची को सही और अद्यतन बनाए रखने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है।

पुरानी लिस्ट क्यों महत्वपूर्ण है

पुरानी वोटर लिस्ट को डाउनलोड करने से मतदाता यह जांच सकते हैं कि उनका नाम पहले सूची में था या नहीं। कई बार ऐसा होता है कि जानकारी अपडेट करते समय गलती से किसी का नाम हट जाता है या गलत प्रविष्टि हो जाती है। इस वजह से पुरानी लिस्ट को डाउनलोड कर जांचना बहुत जरूरी है।

मतदाता सूची का प्रकाशन

विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2026 में नई मतदाता सूची (Voter List 2026) प्रकाशित की जाएगी। इसमें सभी अद्यतन बदलाव, नए मतदाताओं के नाम और हटाई गई प्रविष्टियां शामिल होंगी। नई सूची आने के बाद मतदाता अपने बूथ या निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी के आधार पर वोट डाल सकेंगे।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • बीएलओ जब घर पर आएं तो उन्हें आवश्यक दस्तावेज दिखाएं।
  • अगर आप कहीं और शिफ्ट हो गए हैं, तो नया पता अपडेट करवाएं।
  • जिनका नाम लिस्ट से गलती से हट गया हो, वे नई सूची आने के बाद फॉर्म-6 भरकर नाम जोड़ सकते हैं।
  • हमेशा अपने नाम और फोटो को सही ढंग से जांचें, ताकि मतदान के समय कोई समस्या न हो।

मध्य प्रदेश में यह अभियान चुनाव आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने का एक बड़ा कदम है। यह मतदाताओं को अपनी पहचान सुनिश्चित करने और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने में मदद करेगा।

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