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घुसपैठिये खा रहे हैं देश के मुसलमानों का हक: इंद्रेश कुमार

By Aditi Pandey

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MRM conference 2025

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सोशल संवाद/डेस्क/MRM conference 2025: राजधानी दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आज एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) का अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन आयोजित हुआ।

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इस सम्मेलन में हजारों की संख्या में देशभर से आए कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि मंच के उस विज़न को भी साझा किया, जो भारत में सामाजिक सद्भाव और सकारात्मक नेतृत्व की नई राह खोलने वाला है। यह आयोजन केवल एक सम्मेलन नहीं था बल्कि यह संदेश था कि भारत के मुसलमान अब दर्शक नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदार बनेंगे।

कार्यक्रम में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार, वक्फ पर बनी जेपीसी के चेयरमैन व वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जाटिया, अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम मौलाना उमेर इलियासी,

NCMEI के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, निजामुद्दीन दरगाह के चेयरमैन सलमी निजामी, राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, डॉक्टर शालिनी अली, शाहिद सईद, जमीयत हिमायतुल इस्लाम संगठन के अध्यक्ष कारी अबरार जमाल समेत देशभर के अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।

महासम्मेलन में मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय संयोजक, सभी प्रांतों के संयोजक सह संयोजक और महत्वपूर्ण पदाधिकारी मौजूद थे। मौजूद लोगों में अलग अलग वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और हज कमेटी से जुड़े लोग भी थे।

MRM conference 2025 इंद्रेश कुमार का राष्ट्रवादी आह्वान

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने अपने भाषण में आतंकवाद, नशाखोरी और समाज में फैल रही नकारात्मक प्रवृत्तियों पर गहरा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या रंग नहीं होता, वह केवल शैतानियत है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम हिन्दुस्तानी थे, हैं और रहेंगे। हमारी पहचान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।” उन्होंने अपने भाषण में देश की बुनियादी पहचान और भाईचारे की बात करते हुए भारत को आतंकवाद और नशामुक्त बनाने का आह्वान किया।

इंद्रेश कुमार ने याद दिलाया कि MRM ने तीन तलाक को खत्म कराने की लड़ाई लड़ी और यह संगठन हमेशा महिलाओं की अस्मिता और समाज की इज्जत की रक्षा के लिए खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षा, तहजीब और तरक्की पर जोर देकर भारत को आगे बढ़ाया जाए और समाज में एकता की नई मिसाल कायम की जाए।

इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में बिहार में मौजूद रोहिंग्या और घुसपैठियों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर घुसपैठिए यहाँ नौकरी और संसाधनों पर कब्ज़ा करेंगे, तो स्थानीय मुसलमानों के लिए रोजगार पाना और भी कठिन हो जाएगा। उन्होंने कहा, “घुसपैठिए नौकरी पाएंगे तो यहां का मुसलमान कैसे रोजगार हासिल कर पाएगा?”

MRM conference 2025 डॉ. शाहिद अख्तर का दूरदर्शी विज़न

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस ऐतिहासिक अवसर पर NCMEI के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अपने 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी करने जा रहा है, और यह केवल उत्सव का क्षण नहीं है, अगले 25 वर्षों के लिए नई दिशा और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का आह्वान है। डॉ. अख्तर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमें राष्ट्र निर्माण के सहभागी बनना है, केवल दर्शक बने रहना हमारे लिए विकल्प नहीं है।”

उन्होंने घोषणा की कि आने वाले वर्षों में मुस्लिम समाज की तरक्की के लिए सुलह केंद्र, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, छात्रवृत्ति योजनाएं और करियर गाइडेंस सेल की स्थापना की जाएगी, ताकि समाज का हर तबका शिक्षा, रोजगार और सम्मान की मुख्यधारा से जुड़ सके। “I Love Mohammad” के संदर्भ में उन्होंने गहरी बात कही, “हज़रत मोहम्मद साहब मुसलमानों की आस्था और पहचान की बुनियाद हैं। दुनिया के सभी देशों में मुसलमान और इस्लाम की यह बुनियाद कायम है और इसे सभी धर्मों को समझना चाहिए।

MRM conference 2025 मोहम्मद अफज़ल का संगठन की यात्रा पर भावुक बयान

राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफज़ल ने संगठन की यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह मंच दो कमरों से शुरू हुआ था और पहले सम्मेलन में महज 110 लोग थे। आज 10,000 कार्यकर्ता यहां मौजूद हैं, जो इस संगठन की सफलता और उसकी गहरी जड़ों का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “यह मंच अब देशभर में सामाजिक सद्भाव का सबसे बड़ा प्रतीक बनने की राह पर है। आने वाले वर्षों में यह आंदोलन लाखों कार्यकर्ताओं को जोड़कर एक राष्ट्रीय शक्ति के रूप में स्थापित होगा।”

MRM conference 2025 अन्य गणमान्यों के विचार और राष्ट्र निर्माण का संकल्प

कार्यक्रम में मौजूद अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। वक्फ पर बनी जेपीसी के चेयरमैन और वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने हमेशा उन ताकतों को जवाब दिया है जो भारत को बांटने का सपना देखते हैं। उन्होंने वक्फ सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार वक्फ की एक-एक इंच जमीन का डिजिटलीकरण कर रही है ताकि यह मुसलमानों के हित में काम आए।

अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे न्यायप्रिय देश है जहां हर नागरिक को बराबरी का अधिकार प्राप्त है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम मौलाना उमेर इलियासी ने कहा कि “हिंदू-मुस्लिम सबका DNA एक है और हमें इस साझा पहचान को कभी नहीं भूलना चाहिए।” पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जाटिया ने मंच की निरंतर प्रगति और उसके राष्ट्र निर्माण में योगदान की प्रशंसा की।

MRM conference 2025 डॉ. शालिनी अली का महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की राष्ट्रीय संयोजक और महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. शालिनी अली ने इस मौके पर एक सशक्त और भावनात्मक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि भारत की मुस्लिम महिलाएं अब केवल लाभार्थी नहीं रहेंगी बल्कि नेतृत्वकर्ता बनेंगी। उन्होंने कहा, “तीन तलाक की समाप्ति के बाद समाज में एक नई चेतना आई है।

अब हमारा लक्ष्य है कि मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा, कौशल विकास और आर्थिक स्वतंत्रता के माध्यम से सशक्त किया जाए, ताकि वे राष्ट्र निर्माण में निर्णायक भूमिका निभा सकें।” डॉ. शालिनी अली ने जोर देकर कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल सामाजिक आवश्यकता नहीं है बल्कि आधुनिक भारत के लिए अनिवार्य शर्त है। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से नेतृत्व की भूमिका निभाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की अपील की।

MRM conference 2025 MRM का योगदान और भविष्य की दिशा

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अपने 25 वर्षों के इतिहास में तीन तलाक समाप्ति, राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370-35A हटाने, PFI पर प्रतिबंध, वक्फ संशोधन कानून, तिरंगा यात्राएं और आतंकवाद विरोधी अभियान जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णायक भूमिका निभाई है। इस महासम्मेलन में यह संकल्प लिया गया कि आने वाले वर्षों में शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, नशामुक्ति और राष्ट्रीय एकता के लिए और भी संगठित और आक्रामक अभियान चलाए जाएंगे। यह सम्मेलन मुस्लिम समाज में नई सोच, सकारात्मक नेतृत्व और सुधारात्मक नीतियों की दिशा तय करने वाला मील का पत्थर साबित होगा।

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