सोशल संवाद/डेस्क : मुंबई की लोकल ट्रेनें, जिन्हें शहर की “लाइफलाइन” कहा जाता है, गुरुवार की शाम एक दर्दनाक हादसे की गवाह बनीं। दक्षिण मुंबई के सैंडहर्स्ट रोड रेलवे स्टेशन के पास एक लोकल ट्रेन से टकराकर दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए। यह हादसा शाम करीब सात बजे हुआ, ठीक उसी समय जब सेंट्रल रेलवे की उपनगरीय सेवाएं कर्मचारियों की यूनियन की अचानक की गई हड़ताल के कारण बाधित थीं।
ये भी पढे : SC का आदेश- स्कूल, कॉलेज, अस्पताल से आवारा कुत्ते हटाएं:नसबंदी करके शेल्टर होम में रखें
हादसे का वक्त और कारण
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब कुछ यात्री ट्रेन से गलत दिशा में उतर गए और पटरियों पर चलने लगे। उसी दौरान एक तेज़ रफ्तार लोकल ट्रेन वहां से गुजरी और उन पर चढ़ गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल यात्रियों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया। तीन में से दो घायलों ने इलाज अधूरा छोड़कर अस्पताल से छुट्टी ले ली, जबकि एक घायल का इलाज अब भी जारी है।
हड़ताल और सेवा ठप होने से बढ़ी अव्यवस्था
हादसे से कुछ ही घंटे पहले सेंट्रल रेलवे के कर्मचारियों की यूनियन ने अचानक काम रोकने की घोषणा कर दी थी। यह हड़ताल जून महीने में हुए मुंब्रा ट्रेन हादसे के मामले में दर्ज एफआईआर के विरोध में की गई थी। उस पुराने हादसे में चार लोगों की जान गई थी, जिसके बाद रेलवे पुलिस ने दो इंजीनियरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 125 (क) और (ख) के तहत मामला दर्ज किया था।
इसी एफआईआर के विरोध में यूनियन ने गुरुवार शाम करीब 5 बजकर 50 मिनट से लेकर 6 बजकर 45 मिनट तक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) स्टेशन पर लोकल ट्रेनों का संचालन रोक दिया। कर्मचारियों ने ट्रेन मैनेजरों और मोटरमैन को काम करने से रोक दिया, जिसके चलते स्टेशन और ट्रेनों में अफरातफरी मच गई।
यात्रियों की मुश्किलें
मुंबई जैसे व्यस्त शहर में एक घंटे की ट्रेन सेवा रुकने का मतलब है — हजारों लोगों की दिनचर्या ठप। शाम के समय जब ऑफिस से लौटने की भीड़ अपने चरम पर थी, तब ट्रेनें बंद होने से सड़कों और प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ जमा हो गई। लोग ट्रैकों के किनारे उतरकर पैदल आगे बढ़ने लगे, इसी अफरा-तफरी में कुछ लोग सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के पास पटरियों पर चले गए, जहां ये दर्दनाक हादसा हुआ।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने बताया कि हड़ताल के कारण सीएसएमटी से निकलने वाली सभी लोकल ट्रेनें करीब एक घंटे तक रुकी रहीं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर यूनियन के नेताओं से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि दर्ज एफआईआर के मुद्दे को राज्य सरकार के सामने रखा जाएगा। इसके बाद यूनियन ने हड़ताल समाप्त कर दी और ट्रेन सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हुईं।
मुंब्रा हादसे से जुड़ा विवाद
इस घटना की पृष्ठभूमि जून 9 के मुंब्रा हादसे से जुड़ी है, जब दो लोकल ट्रेनें एक तेज़ मोड़ पर एक-दूसरे के बेहद करीब से गुजर रही थीं। उस वक्त कुछ यात्री ट्रेन के फुटबोर्ड पर खड़े थे। पुलिस जांच में पाया गया कि दोनों ट्रेनों के गुजरने के दौरान यात्रियों के बैग आपस में टकरा गए और कई लोग ट्रैक पर गिर पड़े, जिससे चार लोगों की मौत हो गई थी। रेलवे पुलिस ने इस लापरवाही के लिए दो इंजीनियरों पर मामला दर्ज किया था, जिसके विरोध में गुरुवार को यह हड़ताल की गई।
हादसे से सबक
रेलवे प्रशासन ने इस हादसे को लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे ट्रेन से उतरते या चढ़ते समय सुरक्षा नियमों का पालन करें और किसी भी स्थिति में ट्रैक पर न उतरें। मुंबई में हर साल दर्जनों लोग इसी तरह ट्रैक पार करने या ट्रेन से गलत दिशा में उतरने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं।
यह हादसा न केवल यात्रियों की लापरवाही बल्कि सिस्टम की अस्थिरता की भी एक दर्दनाक मिसाल है। यूनियन की हड़ताल के कारण सेवाएं बाधित हुईं, यात्री परेशान हुए और अंततः जानलेवा हादसा हो गया। मुंबई की “लोकल लाइफलाइन” को सुचारू रखने के लिए जहां रेलवे प्रशासन को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है, वहीं यात्रियों को भी अपने जीवन की सुरक्षा को सर्वोपरि मानना होगा।








