सोशल संवाद/डेस्क : पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक बाप-बेटे की हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। यह मामले में चौथी गिरफ्तारी हैं। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान जाफराबाद के पड़ोसी गांव सुलिताला पुरबापारा निवासी जियाउल शेख के रूप में हुई है। आरोपी 12 अप्रैल से फरार था। शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) और विशेष जांच दल (STI) ने शनिवार को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, ‘यह व्यक्ति मुख्य आरोपियों में से एक है, जिसने मृतक के घर तोड़फोड़ करने के लिए भीड़ को उकसाया था और 12 अप्रैल को हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या कर दी।’पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और शेख के मोबाइल फोन लोकेशन से उसका पता लगाया। इससे पहले पुलिस ने दो भाइयों कालू नादर और दिलदार साथ ही एक अन्य आरोपी इंजामुल हक को गिरफ्तार किया था।पुलिस के अनुसार, ‘यह व्यक्ति मुख्य आरोपियों में से एक है, जिसने मृतक के घर तोड़फोड़ करने के लिए भीड़ को उकसाया था और 12 अप्रैल को हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या कर दी।’पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और शेख के मोबाइल फोन लोकेशन से उसका पता लगाया। इससे पहले पुलिस ने दो भाइयों कालू नादर और दिलदार साथ ही एक अन्य आरोपी इंजामुल हक को गिरफ्तार किया था। हरगोबिंदो दास (72) और उनके बेटे चंदन (40) को भीड़ ने उनके घर के सामने मार डाला था।
राज्यपाल ने पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया
17 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने के आदेश सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से एक-एक सदस्य वाला पैनल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करे।
जिसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 19 अप्रैल को मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। राज्यपाल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार से भी मिले। उन्होंने पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया जिससे लोग उनसे सीधे बात करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम भी मुर्शिदाबाद पहुंची। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर गुरुवार को कोलकाता पहुंची थीं। 11 अप्रैल को हुई हिंसा के दौरान मारे गए बाप-बेटे के परिवार से मिलने के बाद, विजया रहाटकर ने कहा था, ‘ये लोग इतने दर्द में हैं कि मैं अभी बोल नहीं पा रही हूं। मेरे पास उनके दर्द को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।’