सोशल संवाद/ डेस्क: जमशेदपुर सहित पूरे प्रदेश में 16 जून से लगातार बारिश के कारण सड़क हो या नेशनल हाईवे दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रही है और ऐसी सड़कों पर जाना हमारी मजबूरी भी है, लेकिन अगर आप नेशनल हाईवे 33 पर चल रहे हैं और इस दौरान हिचकोले खा रहे हैं या फिर आप दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं तो इससे nhai कुछ लेना देना नहीं। आपको फिर भी टोल टैक्स देना होगा। नेशनल हाईवे ऑफ अथॉरिटी हाई कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाती नजर आ रही है।
हर महीने औसतन हो रही हैं 10 से 15 दुर्घटनाएं
सड़क खराब रहने के कारण केवल एक महीने में बुंडू, तमाड़ एवं चांडिल थाने से मिली जानकारी के अनुसार 22 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें पांच लोगों की जान भी गई है। यानी सुविधा के लिए बनी सड़क जानलेवा हो गई है।
सबसे खतरनाक स्थिति इन स्थानों पर है
चांडिल चौक और चांडिल चेक नाका के पास, जहां पर सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि केवल गड्ढे ही नजर आते हैं। सिदरौल के पास सड़क जर्जर हो चुकी है। रांची के रामपुर से चांडिल टोल चेक नाका तक करीब 98 किमी. लंबी इस सड़क की पड़ताल में रामपुर से चांडिल तक कुल 514 गड्ढे हैं, लगातार बारिश ने सड़कों को खराब एवं जर्जर कर दिया। कम से कम 10 से 15 गड्ढे ऐसे हैं जो जानलेवा हैं। लोगों ने कहा कि सड़क अच्छी नहीं है तो टोल क्यों दें, इसे हटाओ।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा गया है कि अगर सड़क की हालत अच्छी नहीं है तो आप टोल टैक्स नहीं वसूल सकते;;
नेशनल हाईवे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन चुका है. इन सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए टोल टैक्स एक प्रमुख सोर्स है. लेकिन हाल के वर्षों में टोल टैक्स को लेकर विवाद बढ़ा है, खासकर तब जब सड़कें खराब हालत में होती हैं और फिर भी वाहन चालकों से शुल्क वसूला जाता है. इस मुद्दे पर समय-समय पर अदालत की तरफ से भी फैसले आए हैं। टोल टैक्स को लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा गया है कि अगर सड़क की हालत अच्छी नहीं है तो आप टोल टैक्स नहीं वसूल सकते हैं।
टोल टैक्स को लेकर क्या हैं नियम?
भारत में टोल टैक्स का संचालन राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (शुल्क निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के तहत होता है. ये नियम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बनाए गए हैं. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा स्थापित किए जाते हैं, जहां वाहनों से उनकी श्रेणी और तय दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाता है. नियमों में साफ प्रावधान है कि दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए. अगर यह दूरी कम होती है, तो टोल प्लाजा को हटाने का अधिकार मंत्रालय के पास है।
नितिन गडकरी ने कई बार कहा है कि अगर सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं, तो टोल नहीं वसूला जाना चाहिए। जनता को बेहतर सुविधा देना हमारी जिम्मेदारी है। तंबर 2024 में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल की शिकायतों पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, सड़क बनाने का पैसा लोन से आता है, जिसे चुकाने में समय लगता है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जनता को परेशानी न हो।