सोशल संवाद/ डेस्क: झारखंड में एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद) का पाठ्यक्रम लागू होगा। झारखंड एकेडमिक काउंसिल की पाठ्यक्रम समिति ने इसकी अनुशंसा की है। जैक अध्यक्ष डॉ नटवा हांसदा के नेतृत्व में शनिवार को पाठ्यक्रम समिति की बैठक हुई। इसमें राज्य के शैक्षणिक ढांचे को राष्ट्रीय मानकों और भविष्य-केंद्रित दक्षताओं के अनुरूप बनाने के लिए निर्णय लिये गये। अब पाठ्यक्रम समिति की अनुशंसा को जैक बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। इसमें अंतिम निर्णय होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
पाठ्यक्रम समिति ने कक्षावार चरणबद्ध रूप से एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों और पाठ्यक्रम को अपनाने की योजना की समीक्षा की। इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप छात्रों में वैचारिक स्पष्टता सुनिश्चित की जा सके। समिति ने सर्वसम्मति से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को अंगीकृत करने और समय-समय पर किये जाने वाले बदलाव को स्वतः रूप से लागू होने की अनुसंशा की।
जैक अध्यक्ष डॉ नटवा हांसदा ने स्पष्ट किया कि बोर्ड गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी और भविष्य-उन्मुख शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। ये सुधार शैक्षणिक पारदर्शिता को सुदृढ़ करने और छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। बैठक में जैक के सचिव जयंत कुमार मिश्रा, विधायक सह सदस्य नागेंद्र महतो, सदस्य सुशीला मिश्रा, मो. सिराजुद्दीन, डॉ प्रसाद पासवान और कुणाल प्रताप सिंह मौजूद थे।
दक्षता आधारित प्रश्न पत्र बनेंगे
पाठ्यक्रम समिति ने रटने पर आधारित मूल्यांकन से दक्षता-आधारित मूल्यांकन की ओर बदलाव की भी अनुशंसा की। इसमें उच्चस्तरीय चिंतन कौशल, वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग और अंतर्विषयक प्रश्नों को शामिल करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए। पाठ्यक्रम के अनुरूप प्रश्न पत्रों की संरचना और प्रारूप पर चर्चा हुई। इसमें स्पष्टता, कक्षा कठिनाई स्तर और अधिगम परिणामों की संतुलित कवरेज पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रश्न पत्र बनाने के लिए ब्लू प्रिंट मॉडल प्रस्तावित किया गया। इसमें संज्ञानात्मक स्तरों (ज्ञान, समझ, अनुप्रयोग, विश्लेषण) और विषय-विशिष्ट दक्षताओं के अनुसार अंक वितरण शामिल है। नए प्रारूप को दर्शाने के लिए मॉडल प्रश्न पत्र पेश किए गए।
इन पर भी रहेगा जोर
● प्रत्येक विषय के लिए ब्लूप्रिंट टेम्पलेट और दक्षता मानचित्रण को अंतिम रूप देना
शिक्षकों और प्रश्न पत्र बनाने वालों के लिए क्षमता-विकास कार्यशालाएं आयोजित होंगी
● हितधारकों से प्रतिक्रिया लेकर सुधार करना









