सोशल संवाद / डेस्क : 12 सितंबर 2025 को नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायधीश सुशीला कार्की ने इतिहास रच दिया, जब उन्हें देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। यह घटना नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता और युवाओं द्वारा भ्रष्टाचार व बदले की मांगों के बाद आयी एक नई शुरुआत है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें राजधानी काठमांडू स्थित शीतल निवास में रात करीब 9:30 बजे शपथ दिलाई।
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कैसे बदल गया सत्ता समीकरण?
- 8 सितंबर: सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का आंदोलन शुरू हुआ।
- आंदोलन ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया – संसद भवन, सरकारी दफ्तरों और निजी संपत्तियों में आगजनी व तोड़फोड़ हुई।
- इस हिंसा में 51 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें 3 पुलिसकर्मी और एक भारतीय नागरिक शामिल हैं।
- 9 सितंबर: बढ़ते दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया।
- 12 सितंबर: राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त कर शपथ दिलाई।
युवाओं की पहली पसंद बालेन शाह थे
इस आंदोलन का नेतृत्व काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने किया था। आंदोलनकारियों की पहली पसंद भी वही थे, लेकिन शाह ने सत्ता संभालने से इंकार कर दिया और कार्की को समर्थन दे दिया। इसके बाद सुशीला का नाम आगे बढ़ा और राजनीतिक सहमति बन सकी।
आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगें
1. Gen Z आंदोलनकारियों की मांग थी कि 6 से 12 महीने के भीतर देश में आम चुनाव कराए जाएं. ताकि लोकतंत्र स्थापित हो और जनता अपनी इच्छा से नयी सरकार को चुन सके. सुशीला कार्की ने आंदोलनकारियों की इस मांग को मान लिया है.
2. आंदोलनकारियों की मांग थी कि नेपाल की संसद को भंग कर दिया जाए. इस मांग को स्वीकार कर लिया गया और सुशीला कार्की के हाथों में कमान सौंपी जा चुकी है.
3. आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक नागरिक-सैन्य सरकार का गठन था. इस प्रस्ताव के तहत आंदोलनकारी चाहते हैं कि नेपाल में ऐसा शासन बने जो नागरिक और सेना दोनों के रिप्रेजेंटेशन वाला हो.
4. आंदोलनकारी का कहना था कि बस सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ जनता सड़कों पर नहीं उतरी है. जनता की सड़क पर उतरने की प्रमुख वजह – भ्रष्टाचार है. आंदोलनकारियों की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि पुराने दल और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए शक्तिशाली न्यायिक आयोग गठन हो.
5. आंदोलनकारियों की बड़ी मांग ये भी रही कि आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो. इससे प्रभावित लोगों को न्याय मिले. इस मांग को मान लिया गया है और निष्पक्ष जांच की बात कही गई है.
आगे की चुनौतियाँ
- राजनीतिक स्थिरता कायम करना।
- प्रदर्शनकारियों की मांगों का समाधान करना।
- पारदर्शी शासन की नींव रखना।
- तय समय पर चुनाव संपन्न कराना।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. सुशीला कार्की कब नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं?
12 सितंबर 2025 को उन्हें शपथ दिलाई गई।
Q2. Gen-Z आंदोलन क्यों हुआ?
सोशल मीडिया बैन इसका कारण बना, लेकिन असल वजह भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता थी।
Q3. क्या सुशीला कार्की युवाओं की पहली पसंद थीं?
नहीं, युवाओं की पहली पसंद काठमांडू के मेयर बालेन शाह थे, जिन्होंने बाद में सुशीला का समर्थन किया।
Q4. आंदोलन में कितने लोग मारे गए?
अब तक 51 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 पुलिसकर्मी और एक भारतीय नागरिक शामिल हैं।
Q5. आगे नेपाल में क्या होगा?
6–12 महीनों के भीतर आम चुनाव कराने की तैयारी है, ताकि नई चुनी हुई सरकार सत्ता संभाल सके।








