सोशल/संवाद जमशेदपुर: शेर और बाघ के साथ फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने के शौकीन लोग अब कुछ चंद इंच की दूरी से सेल्फी ले सकेंगे। शेर और बाघ को नजदीक से देखने के लिए ग्लास व्यू एनक्लोजर (ग्लास व्यू पिंजरा) का उद्घाटन टाटा जू की ओर से किया गया। टाटा स्टील की ओर से टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में बाघ और शेर के अत्याधुनिक बाड़ों का उद्घाटन किया गया।
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जूलॉजिकल पार्क की ओर से दो जगहों पर ग्लास व्यू एनक्लोजर (ग्लास व्यू पिंजरा) बनाया जा रहा है। एक जगह शेर और दूसरे जगह दर्शक बाघ को नजदीक से देख सकेंगे। ग्लास व्यू एनक्लोजर विशेष प्रकार का ग्लास विंग होता है। चिड़ियाघर घूमने आये लोगों की तरफ मोटे ग्लास की दीवार होगी। अभी चिड़ियाघर में बाड़े के बाहर कई मीटर दूर से वन्यजीवों को देखा जाता है।
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क सोसाइटी के प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी रहे मौजूद
इस खास अवसर पर टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क सोसाइटी के प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहें। उन्होंने जू में शेरों के लिए बनाए गए इस नए सुरक्षित और आधुनिक आवास को औपचारिक रूप से जनता को समर्पित किया। इस अवसर पर चाणक्य चौधरी ने कहा कि ये नए बाड़े टाटा स्टील जू की इस प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि हम अपने जानवरों को सर्वोत्तम आवास प्रदान करने और दर्शकों के अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.
इन दोनों बाड़ों का निर्माण टीएसयूआईएसएल द्वारा किया गया है, जिसमें कांच की खिड़कियों से देखने और खुले प्रकार के बाड़ों के साथ जानवरों की मुख्य प्रदर्शनी क्षेत्र शामिल है बाड़े शेरों और बाघों के लिए इस क्षेत्र के सबसे उन्नत आवासों में से एक माने जाते हैं. वर्तमान में जू में दो बाघिनें, सलोनी और सुनैना रह रही हैं. हाल ही में बालासाहेब ठाकरे प्राणि उद्यान, नागपुर (महाराष्ट्र) से एक नर बाघ रुद्र और एक मादा बाघ मेघना को लाया गया है. यह अदला-बदली अफ्रीकी ग्रे तोतों की एक जोड़ी के बदले में की गई है. टाटा जू भारत का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर है जहां अफ्रीकी शेरों की नस्ल संरक्षित की जा रही है. वर्तमान में यहां तीन शेर निवास कर रहे हैं — दो नर और एक मादा. यह जू न सिर्फ जैव विविधता को सहेजने का कार्य कर रहा है, बल्कि दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।