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पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद भाषणों को लेकर आयोजित सेमिनार परिसर में लगी प्रदर्शनी को दूसरे दिन लगभग 15000 लोगों ने देख

By Riya Kumari

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On the second day, about 15000 people visited the exhibition organized in the seminar

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सोशल संवाद / नई दिल्ली : पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा 60 वर्ष पूर्व मुम्बई में एकात्म मानववाद दर्शन को प्रस्तुत किया गया था और उसी दर्शन को आगे बढ़ाने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन एवं पी.पी.आर.सी. आदि संस्थाओं द्वारा एन.डी.एम.सी. के कन्वेंशन सेंटर को दीनदयाल ग्राम में परिवर्तित कर आयोजित एक उत्कृष्ट सेमिनार एवं प्रदर्शनी का आज समापन हुआ।

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सेमिनार के अंतिम सत्र में वरिष्ठ चिंतक एस. गुरूमूर्ति की उपस्थिती में पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के अनछुए पहलुओं का जिक्र करते हुए अपना उत्कृष्ट अभिभाषण रखा। कल आर.एस.एस. के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार जी के उद्घाटन अभिभाषण से प्रारम्भ दो दिवसीय सेमिनार में जहां देशभर से आये 550 से अधिक पंजीकृत बुद्धिजीवी प्रतिभागी सम्मिलित हुए। उद्घाटन एवं समापन सत्र के आलावा कुल 8 सत्र सेमिनार में हुए। समापन सत्र में भाजपा के संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, राष्ट्रीय संगठक वी. सतीश, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री डा. अल्का गुर्जर एवं ओमप्रकाश धनखड, भाजपा के सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल, विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश साहिब सिंह एवं रविन्द्र इंद्राज, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख और विभिन्न सत्रों में दिल्ली भाजपा के पदाधिकारी एवं प्रवक्ता और विधायक भी उपस्थित रहे।

जगत प्रकाश नड्डा ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी को देखा और  वरिष्ठ चिंतक एस. गुरूमूर्ति एवं महेश चन्द्र शर्मा की उपस्थिती में  समापन सत्र को सम्बोधित किया। आज सेमिनार मंच का संचालन पी.पी.आर.सी. के निदेशक  सुमित भसीन ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिर्वाण गांगुली की उपस्थिती में किया। अंतिम सत्र से पहले बिनय कुमार सिंह ने दो दिन के कार्यक्रम की समीक्षा रखी। दो दिन के सेमिनार में आठ पुस्तकों का अनावरण किया गया जिसमें प्रभात प्रकाशन का विशेष योगदान रहा।

दूसरे एवं अंतिम दिन केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, तमिलनाडू भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के. अन्नामलाई, वरिष्ठ चिंतक अभिनव प्रकाश, डा. गुरू प्रकाश पासवान ने नितिन गोखले, डा. गजानन डांगे, ममता यादव एवं जे. नंदाकुमार की उपस्थिती में विभिन्न सत्रों में अपने ओजस्वी भाषणों से पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद पर चर्चा को एक नया आयाम दिया।

पं. दीनदयाल ग्राम में लगाई प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रही और इसे आज लगभग 15000 दिल्ली वाले एवं संघ परिवार से जुड़े कार्यकर्ता देखने पहुंचे। सेमिनार के व्यवस्थापक विष्णु मित्तल एवं प्रदर्शनी के संयोजक राजीव बब्बर ने दोपहर में दिल्ली के पत्रकारों को प्रदर्शनी दिखाई और प्रदर्शनी की विशेषताओं जैसे 3डी के प्रयोग आदि पर विशेष चर्चा की। उन्होने प्रदर्शनी में एनामेफी डिस्प्ले के प्रयोग आदि पर विशेष चर्चा की।

राजीव बब्बर ने बताया कि डिजिटल इंटरेक्शन पैनल लगाया हुआ है और पहली बार स्लाइडिंग एलईडी लगाई है जो कल्चर को दिखाता है। डिजिटल ग्लोब का प्रयोग किया गया है जिसमें विदेश नीति पर 360 डिग्री के माध्यम से हमारी विदेश नीतियों के बारे में बताने की एक कोशिश है। इसके साथ ही सेल्फी प्लाइंट्स भी है जहां पर अभी तक हजारों लोग तस्वीरें ले चुके हैं। इसके अलावा किताबों का संग्रह भी है जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी है।

अपने समापन भाषण में जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी थ्री इन वन थे क्योंकि वह एक विचारक, लीडर और संगठक तीनों थे। इसलिए श्रद्धेय गुरुजी कहते थे कि ऐसे चार दीनदयाल मिल जाए तो मैं देश में परिवर्तन लेकर आऊं। हमें यह भी पता है कि कितनी कम अवधी में उन्होंने भारतीय जनसंघ को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर स्थापित किया। वे अल्पावधी चले गए लेकिन उनके विचार को पार्टी ने अपनाया और आज वही विचार हमारी पहचान बने है।

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि भारत को, भारतीय सोच को प्रमुखता देकर भी हमें हमारी विचारधारा बनानी पड़ेगी और इसलिए उन्होंने एकात्म मानववाद के नाम पर उसे आगे बढ़ाने का काम किया। आज से 60 साल पहले उन्होंने जो विचार धारा दी उसे जानने का एक माध्यम सेमिनार भी बना लेकिन हमें सिर्फ यही नहीं रूकना है बल्कि इस विचारधारा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। दीनदयाल उपाध्याय जी ने बहुत कम समय मिला पर पार्टी को अधिक समय दिया और पार्टी के विचार के बीजारोपण करने का काम किया।

हमारी पंरपरा 1000 साल पहले से बनी आई है इसलिए उसका राजनीतिक से लेकर समाजिक और आर्थिक महत्व है इसलिए हमें आर्थिक दृष्टि से भी अपनी सोच को प्रतिबादित करने की आवश्कता है। उनकी सोच में मूल बातें थी उस पर अगर हम उस वक्त विचार करते तो शायद वह असंभव लगता लेकिन आज हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सारे पैरामिटर को इंडियन स्टैंडर्ड पर बनाकर तैयार कर रहे हैं यह गर्व की बात है।

उन्होंने स्वदेशी की बात कही और आर्थिक मुल्यों को पुर्ननिर्माण करने की बात कही और आज हम आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं भारत दुनिया का चौथा बड़ा अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में 70,000 करोड़ का हमारा एक्सपॉर्ट हो गया है, आज से 10 साल पहले हम 92 फीसदी मोबाइल इम्पोर्ट करते थे और आज 97 फीसदी मोबाइल भारत बना रहा है। टॉय इंडस्ट्री और ऑटो मोबाइल में हम तीसरे नंबर पर आकर खड़े हैं।

नड्डा ने कहा कि अभी हमने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी सफलता को देखा। हमारा डिफेंस प्रोटेक्शन 1.30 लाख का हो गया है और इसलिए हम हर तरीके से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चले हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग आर्थिक मॉडल के सबसे बड़े चैंपियन बनते थे वह दुनिया में विफर गए। सही मायने में समाज की चिंता अगर किसी ने की तो वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने करी जिन्होंने सबसे अंतिम व्यक्ति के लिए चिंता की। सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास के माध्यम से मोदी सरकार ने पंडित जी के सिद्धांत पर गरीबों का भला किया है। हम गरीब की बात करते हैं लेकिन गरीबों की असली चिंता मोदी सरकार ने की है जब उन्होंने 80 करोड़ जनता को पांच किलो गेहूं, पांच किलो चावल, एक किलो दाल देने का काम किया। इसका प्रभाव हुआ कि 25 करोड़ लोग बी.पी.एल से ऊपर आ गए।

महिलाओं के जीवन में परिवर्तन 10 करोड़ से ज्यादा एलपीजी के सिलेंडर देकर मोदी सरकार लेकर आई। पीएम आवास योजना के माध्यम से 4 करोड़ पक्के मकान बन चुके हैं और 2029 से पहले 3 करोड़ मकान और बनेंगे जिसमें 75 फीसदी मालिकाना हक महिलाओं के पास होगा। 12 करोड़ महिलाओं को इज्जत घर देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से प्रेरणा लेकर किया। देश में अनेक लोग किसान नेता बनने लगे लेकिन किसानों के लिए अगर किसी ने काम किया तो मोदी सरकार ने किया।

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