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सूर्यमंदिर परिसर में संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव के प्रसंग से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़

By Tamishree Mukherjee

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सूर्यमंदिर परिसर में संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव

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सोशल संवाद / जमशेदपुर : सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के पंचम वर्षगांठ के अवसर पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया। पूजन पश्चात श्रीधाम वृंदावन से पधारे मर्मज्ञ कथा वाचक आचार्य राजेंद्र जी महाराज का श्रद्धापूर्वक स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात कथा व्यास आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने श्रीराम कथा के तीसरे दिन भगवान श्री राम के जन्म की कथा का सुंदर वर्णन किया। राम के जन्म होते ही पूरे कथा पांडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों की जयघोष रही। इस दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास मुख्यरूप से मौजूद रहे।

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कथा में आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने बताया कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। श्री राम की कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। उन्होंने बताया भये प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। भगवान राम का जन्म होते ही लोगों ने मीठी-मीठी तालियां बजाकर भगवान का सुमिरन किया। कथा वाचक ने बताया कि जन्म होते ही अयोध्या में अयोध्या वासी हर्षित हो गए। राजा दशरथ के यहां पुत्रों के जन्म होते ही नगरी मे खुशी की लहर दौड़ गई।

आचार्य राजेंद्र जी ने बताया कि किस तरह से महाराज दशरथ के यहां महारानी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र योग का संयोग बना। भगवान राम के जन्म के बाद अयोध्या में हर तरफ खुशियां मनाई गई हैं। भगवान श्रीराम के जन्म पर राजा दशरथ संपूर्ण नगर में बधाइयों का वितरण कर मिठाई बंटवाते हैं। नगर में हर घर में बधाई गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर पूरा पंडाल भय प्रकट कृपाला, दीनदयालाल के महाआरती से गुंजायमान रहा।

कथा को आगे बढ़ाते हुए आचार्य राजेंद्र जी ने बताया कि समय बीता अवध नरेश का आंगन बालसुलभ किलकारियों से गूंजने लगा। जिस भगवान की गोद में ब्रह्माण्ड खेलता है, वह भगवान बालरूप में माता कौशल्या की गोद में खेलते हैं। जिनकी गोद में दुनियां हंसती रोती है, वह माता कौशल्या की गोद में कभी रोते हैं, तो कभी हंसते हैं। इस दौरान पांडाल में उपस्थित श्रोताओं ने भक्ति भाव से भगवान की कथा का रसपान किया। प्रभु श्री राम की कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। राम के जन्म होते ही पुष्प वर्षा होने लगी और मिठाई, टॉफी का वितरण किया गया।

कथा के समापन सत्र के दौरान मंच संचालन सूर्य मंदिर समिति के वरीय सदस्य दिनेश कुमार ने किया। कल राम कथा के चतुर्थ दिवस में भगवान राम के बाल लीला का वर्णन किया जाएगा। कथा दोपहर 3:30 बजे से प्रारंभ होती है।

कथा में दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, महासचिव अखिलेश चौधरी सपत्नीक , राकेश चौधरी सपत्नीक, दिलीप कुमार सपत्नीक, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सुशांत पांडा, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, प्रेम झा, राकेश सिंह, सूरज सिंह, दीपक झा, विकास शर्मा, अमित मिश्रा, उमेश गिरी, तेजिंदर सिंह जॉनी समेत अन्य मौजूद रहे।

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