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झारखंड में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग की चरमराति व्यवस्था ने तोड़ा दम, स्वास्थ्य मंत्री के सारे दावे फेल

By Annu kumari

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सोशल संवाद/ डेस्क: झारखंड में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग की चरमराति व्यवस्था ने दम तोड़ दिया। झारखंड के बड़बोली स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के सारे दावे पूरी तरह फेल हो गए। एक तरफ जहां स्वास्थ्य मंत्री झारखंड की जनता से बड़े-बड़े दावे करते हैं वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर कुछ और है।

एक ताजा मामला झारखंड के गोड्डा जिले से आई है जहां एक मरीज की जान सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि सरकारी एंबुलेंस सेवा की सांसें खुद थमी हुई थीं। तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार होता रहा, पीड़िता परिवार द्वारा कॉल किए जाते रहे… लेकिन न तो एंबुलेंस पहुंची, न ही कोई मदद।

घटना ठाकुरगंती थाना क्षेत्र के मदन चौकी गांव की है। संतोष महतो की बेटी छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। बच्ची तड़प रही थी, परिजन घबराए हुए थे। 108 नंबर पर बार-बार कॉल किया गया, पर हर बार मिला सिर्फ जवाब – “थोड़ी देर में पहुंच रही है…”। लेकिन वो ‘थोड़ी देर’ बच्ची की जिंदगी की आखिरी घड़ियों में बदल गई।तीन घंटे के इंतजार के बाद भी जब कोई मदद नहीं आई, तो आखिरकार बच्ची ने दम तोड़ दिया। पिता संतोष महतो की आंखों के सामने बेटी ने तड़पते हुए दम तोड़ा और कोई कुछ नहीं कर सका।

ऐसे मामले झारखंड के अलग-अलग जिलों में देखने को मिलते रहते हैं अब देखना यह होगा कि इस पर स्वास्थ्य विभाग और हमारे बाद बोले स्वास्थ्य मंत्री क्या एक्शन लेते हैं और अपनी क्या सफाई देते हैं।

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