सोशल संवाद/डेस्क : पवन सिंह को फैन्स उन्हें पावर स्टार कहकर बुलाते हैं। आज उनका इंडस्ट्री में इतना बड़ा नाम है लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर संघर्षों भरा रहा है। पवन सिंह बिहार के आरा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बचपन से ही स्टेज शोज करने शुरू कर दिए, जहां वो गाना गाते थे। भोजपुरी इंडस्ट्री में जब पवन सिंह ने कदम रखा तो सालों तक वह केवल गायिकी के क्षेत्र में ही रहे।
पहले पवन सिंह अपने भाई के कंपनी से जुड़ गए और गाना गाने लगे। सफल होने के बाद उनके भाई ने ही एक्टिंग में डेब्यू करने में मदद की। उनके भाई ने फिल्म ‘रंगली चुनरिया तोहरे नाम’ बनाई जिससे पवन सिंह ने एंट्री की।
पवन सिंह जब 6-7 साल के थे तो उन्हें पढ़ने नहीं आता था लेकिन उन्होंने सुनकर गाने सीख लिए। आस-पास के लोग उनके चाचा को बताते थे कि उनका भतीजा अच्छा गाता है। उसी दौरान पास के मंदिर में एक कार्यक्रम में रखा गया जहां पवन सिंह ने गाना गाया था। तब उनके चाचा को लगा कि एक दिन वह बड़े सिंगर बनेंगे और उन्हें ट्रेनिंग देने लगे।
पवन सिंह के नाम से फिल्म ‘पवन राजा’ बनाई गई, जिसमें उन्होंने लीड रोल किया। फिल्म उनकी निजी जिंदगी से प्रेरित है। वह बचपन में अपने चाचा के साथ शोज करने जाते थे। उनके चाचा साइकिल चलाते थे और वह उस पर पीछे बैठते हैं। साइकिल से वह दूर-दूर जगह जाते थे और शोज करते थे। कभी साइकिल से शोज के लिए जाने वाले पवन सिंह के पास आज गाड़ियों का लंबा काफिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, आज पवन सिंह एक फिल्म करने के 40-50 लाख रुपये तक चार्ज करते हैं।