सोशल संवाद/डेस्क : टॉयलेट पर बनी फिल्म “टॉयलेट एक प्रेम कथा” ग्रामीण शौचालय जैसे समस्याओं को ले कर संदेश दिया गया था, लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी शहर के तमाम जगहों पर शौचालय की बदहाली बनी हुई है। जिसमे कुछ निर्माणाधीन रह गया है, तो कुछ बनने के बाद भी इस्तेमाल नही हो पा रही है|
कुछ इसी तरह के बदहाली से गुजर रहा है खरकई नदी के किनारे बसी कदमा के शास्त्री नगर के बस्ती की जहाँ 500 से अधिक लोग रहते है और तमाम स्वच्छता और साफ़ सफाई के मुद्दों से वंचित है|
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आपको बता दे भाजपा नेता श्री नीरज सिंह जी ने कदमा के शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 5 के जय प्रकाश नगर का दौरा किया और उन्होंने कहा कि जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया समिती से अपील है कि इस तरह के सभी खंडहर पड़े शौचालय पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और अधिकारीयों से अनुरोध है कि समय पर इसकी सटीक जांच कर साफ़ सफाई करवाते रहे| सरकार के करोडो रुपया खर्च होने के बावजूद शौचालय सुचारू रूप से क्यों नहीं चल रहा है ये सोंचने वाली बात है|
200 से अधिक लोगों के लिए एक ही टॉयलेट का सीट
साथ ही आपको ये भी बता दे की कई सालों से बस्ती में सामुदायिक शौचालय की बिल्डिंग बनकर खड़ी तो है, लेकिन यह शौचालय के नाम पर एक खंडहर बन चूका है, यहां लगा हुआ एक ही टॉयलेट के सीट पर 200 से अधिक लोग रोजाना इस्तेमाल करते है।
इस शौचालय का देख रेख शुरुआत से जमशेदपुर नोटिफाइड समिती कर रही है, शहर में ऐसे कई शौचालय है, जिसमे से लगभग सभी का हाल बेहाल है। कदमा के शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 5 के जय प्रकाश नगर बस्ती में लगभग 50 से अधिक महिलाएं भी है| बाकि पुरुष बहार में सोच करने को मजबूर है|
शहरी क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर के तमाम सवाल खड़े होते है और अधिकारी शहर की रैंकिंग में मस्त होते है ऐसे में बुनियादी जरूरत में से एक है शौचालय की साफ़ सफाई और नए शौचालय के निर्माण को लेकर है|