सोशल संवाद / डेस्क : भारत में श्रीकृष्ण के कई मंदिर हैं। अधिकतर मंदिरों में श्रीकृष्ण राधा रानी के साथ देखे जाते हैं। माता यशोदा के साथ भी उन्हें देखा जा सकता है। पर भारत के राज्य गोवा में एक ऐसा अद्भुत मंदिर है जहाँ श्री कृष्ण बाल रूप में जन्मदात्री माता देवकी के साथ विराजते हैं। यह भगवान श्रीकृष्ण का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां वे अपनी माता देवकी के साथ में विराजते हैं।
यह मंदिर गोवा के पणजी कदंबा बस स्टैंड से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को देवकी कृष्ण रावलनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है और पिस्सो रावलनाथ के नाम से भी जाना जाता है और इसकी खासियत यह है कि इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में अपनी मां देवकी के साथ हैं। जबकि इसके अलावा देश में कोई ऐसा मंदिर नहीं हैं, जहां कान्हा देवकी माता के साथ विराजते हों।
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मंदिर मुख्य रूप से अपनी अनूठी वास्तुकला और बनावट के लिए भी बहुत प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में नागरी, इस्लामी और पुर्तगाली वास्तुकला का मिश्रण नजर आता है। मंदिर वास्को डी गामा रेलवे स्टेशन से 34 किमी और मापुसा से 31 किमी की दूरी पर है। मुख्य रूप से यह मंदिर पोंडा तालुका के मार्सेला में स्थित है।
आपको पता दे देवकी कृष्ण का मूल मंदिर मंडोवी नदी में चोडन (चोराओ) द्वीप पर था लेकिन इसे पुर्तगाली शासकों ने नष्ट कर दिया गया था। यही कारण है कि ये मंदिर सामान्य हिंदू मंदिरों के बजाय या तो एक चर्च या एक मस्जिद या महल की तरह दिखते हैं। 1530 और 1540 ईस्वी के बीच पहले इस मंदिर को मैम में स्थानांतरित किया गया और फिर 1540 और 1567 के बीच मार्सेल में अपने वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। पहले यहां बहुत ही छोटा सा मंदिर था और 1842 में मंदिर को फिर से बनाया गया।
मंदिर के गर्भगृह में माता देवकी और भगवान कृष्ण की प्रतिमा विराजित है। माता देवकी के पैरों के बीच बाल कृष्ण खड़ी मुद्रा में विराजित हैं। यह विशेष आसन अद्वितीय माना जाता है। श्रीकृष्ण और देवकी की प्रतिमांए काले पत्थर की हैं और इन्हें बहुत ही बारीकी से उकेरा गया है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्णक और माता देवकी के साथ ही भौमिका देवी,लक्ष्मी,रावलनाथ,मल्लिनाथ,कात्यायनी और धाडा शंकर भी विराजित हैं।